छोटे रिटेलर्स ने नए कानून से जमशेदपुर के 20,000 से ज्यादा छोटे रिटेलर्स और उनके परिवार समेत 1 लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका प्रभावित होने का किया दावा
जमशेदपुर। जमशेदपुर में तंबाकू उत्पाद बेचने वाले 20,000 से ज्यादा दुकानदारों, छोटे रिटेलर्स और पानवाला का प्रतिनिधित्व करने वाली कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था ने झारखंड सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा 1 दिसंबर, 2021 को जारी किए गए आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें शहर में पान, बीड़ी, सिगरेट आदि जैसे तंबाकू उत्पाद बेचने वाले रिटेलर्स के लिए अलग लाइसेंस अनिवार्य करने की बात कही गई है। आदेश में ऐसे लाइसेंसशुदा दुकानदारों के लिए अपनी दुकान में बिस्कुट, सॉफ्ट ड्रिंक, मिनरल वाटर आदि जैसी रोजाना की वस्तुएं बेचना भी प्रतिबंधित होगा। यदि शहर में तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस को अनिवार्य किया गया तो छोटे रिटेलर्स की आजीविका पर दुष्प्रभाव पड़ेगा और उनके परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।
कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था का यह भी मानना है कि ऐसे कदमों से ज्यादातर अशिक्षित छोटे रिटेलर्स को प्रवर्तन अधिकारियों के हाथों उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा, जिससे लाइसेंस राज की वापसी होगी। ये छोटे रिटेलर्स अपने आसपास रोजाना की जरूरत की चीजों जैसे बिस्कुट, सॉफ्ट ड्रिंक, मिनरल वाटर, सिगरेट, बीड़ी, पान आदि की बिक्री कर अपनी आजीविका चलाते हैं। लॉकडाउन से पहले उनकी कमाई 4,000 से 6,000 रुपये महीना होती थी, जिससे बमुश्किल इनके परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पाता था। महामारी के कारण उनकी कमाई पहले ही बहुत कम हो गई है और प्रस्तावित कानून से कमाई में 60 से 70 प्रतिशत की और कमी हो जाएगी, जो इनके लिए बहुत बड़ा झटका होगा।
कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था ने तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग वाले इस आदेश को वापस लेने के लिए आदित्यपुर व मानगो नगर निगमों के मेयर व निगम आयुक्तों से अपील की है और इस आदेश के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताई है। इस कानून से शहर में 20,000 माइक्रो रिटेलर्स पर प्रभाव पड़ेगा, जो शहर में उनके परिवार समेत 1 लाख से ज्यादा लोगों की आजीविका का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस मुद्दे के बारे में बताते हुए शेखर कुमार, सेक्रेटरी, कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था ने कहा, “जमशेदपुर में, देश की अन्य जगहों की तरह, तंबाकू उत्पादों का खुदरा व्यापार पारंपरिक रूप से हजारों छोटे दुकानदारों के हाथों में रहा है, जो असंगठित क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और छोटी दुकानों से संचालन करते हैं। इन खुदरा विक्रेताओं को लॉकडाउन के कारण काफी नुकसान हुआ है और वे अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे निराशाजनक समय में हम यह देखकर चकित हैं कि झारखंड के शहरी विकास विभाग ने छोटे रिटेलर्स का सहयोग करने के बजाय एक ऐसा आदेश जारी किया है, जो हाशिए पर जी रहे रिटेलर्स का उत्पीड़न कई गुना बढ़ाएगा और व्यापार करने की लागत बढ़ाकर उन्हें बहुत बड़ा झटका देगा। साथ ही उनकी दुकान पर दैनिक प्रयोग की वस्तुओं की बिक्री प्रतिबंधित करते हुए यह नया कानून उनकी रोजाना की आय भी कम करेगा। यह समय छोटे और सीमांत रिटेलर्स को राहत प्रदान करने का है और हम नगर निगम से अनुरोध करते हैं कि इस प्रस्तावित नियम को लागू न करें और इसके बजाय ऐसी नीतियां बनाएं जो हमारे सदस्यों के लिए आजीविका के अवसरों का निर्माण कर सकें।’
ये रिटेलर्स विज्ञापन निषेध और व्यापार व वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति एवं वितरण के नियमन अधिनियम, 2003, सीओटीपीए और इसके तहत नियमों के कारण पहले से ही प्रवर्तन अधिकारियों के हाथों दैनिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, जो उनकी खराब शैक्षिक पृष्ठभूमि और जागरूकता की कमी का लाभ उठाते हुए कानूनों की गलत व्याख्या करते हैं।
कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था का मानना है कि निहित स्वार्थों वाले तंबाकू विरोधी गैर सरकारी संगठनों के दबाव में लाया गया प्रस्तावित लाइसेंसिंग कानून केवल छोटे दुकानदारों की आजीविका को खत्म कर तंबाकू के खुदरा व्यापार को विदेशी कंपनियों/सुपरमार्केट/मॉल के हाथ में पहुंचाने में मदद करेगा। हमारा मानना है कि कानून में तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों के लिए अनिवार्य लाइसेंस जैसे अव्यावहारिक प्रावधान दिखाते हैं कि तंबाकू नियंत्रण कानून बनाने में जुटे अधिकारी सच से कितने दूर हैं। इस तरह के अव्यावहारिक कानून तंबाकू उत्पादों की बिक्री कर जीवन यापन कर रहे शहर के लाखों गरीब लोगों की आजीविका को बर्बाद कर सकते हैं।
कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था का मानना है कि तंबाकू नियंत्रण/व्यापार के लिए वर्तमान सीओटीपीए 2003 विनियमन के तहत ये कानून पर्याप्त हैं। इसलिए तंबाकू उत्पादों के व्यापार पर कोई नया लाइसेंसिंग नियम लागू करने की बिल्कुल जरूरत नहीं है।
कोल्हान खुदरा व्यापारी संस्था एक बार फिर आदित्यपुर एवं मैंगो नगर निगमों के मेयर और निगम आयुक्तों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती है कि कृपया झाखंड सरकार के शहरी विकास विभाग द्वारा 1 दिसंबर, 2021 को जारी तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए अनिवार्य लाइसेंसिंग आदेश को लागू न करें और इसके बजाय हमारे सदस्यों को कोरोना महामारी के कारण हुए नुकसान से उबरने में मदद करें।