गुरुद्वारा के खिलाफ बोलना अक्षम्य अपराध : सोमू प्रधानमंत्री और देश की छवि खराब कर रहे सिर फिरे
जमशेदपुर। भारतीय जनता पार्टी के युवा सिख नेता सतबीर सिंह सोमू ने कहा कि गुरुद्वारा अथवा किसी भी धार्मिक स्थल के खिलाफ बोलना अक्षम्य अपराध है। धार्मिक स्थल मानव को ईश्वर के साथ जोड़ते हैं और यहां से मानवता का संदेश निकलता है।
गुरुद्वारा के खिलाफ वैसे भी किसी धर्म जाति का व्यक्ति बोलता ही नहीं है और उसके मन में ऐसे विचार भी नहीं आते हैं। उनके अनुसार वे प्रधानमंत्री से अपील कर रहे हैं कि एनसीईआरटी एवं अन्य राज्य बोर्ड की पाठ्यपुस्तक में गुरुद्वारों के स्वर्णिम इतिहास एवं योगदान का एक पाठ जरूर शामिल करें।
गुरुद्वारा में ही इस देश की राष्ट्रीय एकता अखंडता को मजबूत करने एवं सनातन हिंदू धर्म की रक्षा की शपथ ली गई।
सिख पंथ में धर्म और राजनीति एक साथ चलते हैं और ऐसे में राजनीति की सुचिता के लिए हमेशा ही धर्म का इस्तेमाल होता रहा है और इसमें गुरुद्वारे की बड़ी भूमिका रहती है।
मुगलों के खिलाफ, अंग्रेजों के खिलाफ, आपातकाल के खिलाफ, कोरोना से जंग लड़ने के दौरान गुरुद्वारों की बड़ी भूमिका रही है और जब भी किसी प्रकार की प्राकृतिक अथवा मानव जनित आपदा आएगी, गुरुद्वारा पीछे हटने वाले नहीं है।
सिख गुरुओं का संदेश है कि गुरुद्वारा किसी एक जाति धर्म का नहीं वरन सभी धर्म, वर्ण, लिंग का है।
ऐसे में गुरुद्वारा के लिए नासूर शब्द का प्रयोग वाकई दुर्भाग्य जनक है और ऐसे शब्दों के प्रयोग करने वाले को माफी नहीं दी जानी चाहिए।
इस भाजपा नेता के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले 9 साल के कार्यकाल में सिख धर्म से जुड़े कई धार्मिक एवं सामाजिक मुद्दों के समाधान की सार्थक पहल हुई। हिंदू सिख भाईचारा को और ज्यादा मजबूत करने की लगातार कोशिश हो रही है। एक छुटभैया नेता का भाषण पार्टी का अधिकृत बयान नहीं है और उसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। सोमू के अनुसार पार्टी के वफादार सिपाही होने के नाते उन्होंने सिख समाज की भावना को राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री एवं राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा तक लिखित रूप से पहुंचा दिया है और निश्चय ही पार्टी नेतृत्व देश की विभिन्नता में एकता को ध्यान में रखते हुए कठोर फैसला लेगी।