गर्म हवाओं/ लू से बिगड़ सकता है स्वास्थ्य, रहें सजग एवं सावधान- श्री अनन्य मित्तल, जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त
धूप में अनावश्यक बाहर निकलने से बचें, बाहर निकलते हैं तो पूरा शरीर ढक कर निकलें
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक हीट वेव (लू)/ गर्म हवा चलने की चेतावनी जारी की है । इस मौसम में बच्चों से लेकर वृद्धजन को बेहोशी, मांसपेशियों में जकड़न, मिर्गी का दौरा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना आदि परेशानी हो सकती है । आमजनों को लू से बचने के लिए, खानपान से लेकर आवाजाही में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल ने तापमान में बढ़ोत्तरी और गर्म हवा/ लू को लेकर जिलावासियों से अपने स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति सावधान रहने की अपील की है। उन्होने कहा कि लू और अत्यधिक गर्मी में घर से बाहर निकलना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है । जरा सी लापरवाही लू की चपेट में आने का कारण हो सकता है, इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं । स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर तत्काल अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध चिकित्सकों से संपर्क करने को कहा है। सभी केंद्रों में पर्याप्त मात्र में ओआरएस पाउडर व अन्य जरूरी दवाएं उपलब्ध है ।
गर्म हवा/ लू से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें
– पर्याप्त पानी पीयें, भले ही प्यास न लगी हो। मिर्गी या हृदय, गुर्दे या यकृत की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जो तरल पदार्थ-प्रतिबंधित आहार पर हैं या जिन्हें द्रव प्रतिधारण की समस्या है, उन्हें तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
– खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन), घर में बने पेय जैसे लस्सी, तोरानी (चावल का पानी), नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी आदि का उपयोग करें।
– हल्के, हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें।
– यदि बाहर हैं, तो अपना सिर ढकें: कपड़े, टोपी या छाते का उपयोग करें। अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए धूप का चश्मा और अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन का प्रयोग करें।
प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित हों।
– बुजुर्गों, बच्चों, बीमारों या अधिक वजन वाले लोगों का विशेष ध्यान रखें क्योंकि वे अत्यधिक गर्मी के शिकार होते हैं।
– नियोक्ता अपने कार्यस्थल पर ठंडा पेयजल उपलब्ध करायें।
– सभी श्रमिकों को आराम करने के लिए छायादार स्थल, साफ पानी, छाछ, आइस-पैक,प्राथमिक चिकित्सा किट) प्रदान करें।
– कठिन कामों को दिन के ठंडे समय में शेड्यूल करें।
– उच्च ताप वाले क्षेत्र में नए श्रमिकों को हल्का काम और कम घंटे दें।
– गर्भवती महिलाओं और चिकित्सीय स्थिति वाले श्रमिकों पर अतिरिक्त ध्यान दिया जाना चाहिए।
– कर्मचारियों को लू की चेतावनी के बारे में सूचित करें।
अन्य सावधानियां
* जितना हो सके घर के अंदर रहें।
* नमक और जीरा के साथ प्याज का सलाद और कच्चे आम जैसे पारंपरिक उपचार हीट स्ट्रोक को रोक सकते हैं।
– पंखे का प्रयोग करें, आपके घर या कार्यालय में आने वाले विक्रेताओं और डिलीवरी करने वाले लोगों को पानी दें।
– सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करें। इससे ग्लोबल वार्मिंग और गर्मी को कम करने में मदद मिलेगी।
– सूखे पत्ते, कृषि अवशेष एवं कूड़ा-कचरा न जलायें।
– जलस्रोतों का संरक्षण करें। वर्षा जल संचयन का अभ्यास करें।
* धूप में बाहर जाने से बचें, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच।
* नंगे पैर बाहर न निकलें.
* पीक आवर्स के दौरान खाना पकाने से बचें। खाना पकाने वाले क्षेत्र को पर्याप्त रूप से हवादार बनाने के लिए दरवाजे और खिड़कियाँ खोलें।
• शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें ।
• उच्च प्रोटीन, नमकीन, मसालेदार और तैलीय भोजन से बचें। बासी खाना न खाएं.
• पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को अकेला न छोड़ें।
• प्रकाश बल्बों का उपयोग करने से बचें जो कंप्यूटर या उपकरणों की तरह अनावश्यक गर्मी उत्पन्न कर सकते हैं।
करने योग्य
(कृषि में)
– खड़ी फसलों में हल्की और बार-बार सिंचाई करें।
– मिट्टी की नमी को संरक्षित करने के लिए फसल के अवशेषों, पुआल,/पॉलिथीन से मल्चिंग करें या मिट्टी की मल्चिंग करें।
– सिंचाई केवल शाम या सुबह के समय ही करें।
– स्प्रिंकलर सिंचाई का प्रयोग करें.
(पशुपालन)
करने योग्य
• जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए साफ और ठंडा पानी दें, पशुओं से सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच काम न कराएं ।
• तापमान कम करने के लिए शेड/ छत को पुआल से ढकें, सफेद रंग से रंगें या गोबर-मिट्टी से प्लास्टर करें।
• शेड में पंखे, पानी के स्प्रे और फॉगर्स का उपयोग करें।
• अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिड़काव करें और मवेशियों को ठंडक के लिए जलाशय में ले जाएं।
• उन्हें हरी घास, प्रोटीन-वसा सप्लीमेंट, खनिज मिश्रण और नमक दें, तापमान कम होने के दौरान चराएं।
•पोल्ट्री हाउस में पर्दे और उचित वेंटिलेशन प्रदान करें।
क्या न करें
• दोपहर के समय मवेशियों को चराने/बाहर निकालने से बचें।