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गजानंद खेमका ने कहा जब तक सूरज चांद रहेगा मुख्य पुजारी पूज्य जयकेश्वर पांडे जी का नाम रहेगा

जादूगोड़ा । यूसिल शिव मंदिर जादूगोड़ा के संस्थापक पंडित जयकेश्वर पाण्डेय का 98 वर्ष की आयु में उनके मंदिर परिसर स्थित आवास में सोमवार की रात 09 :20 बजे निधन हो गया । उनके निधन का समाचार पूरे क्षेत्र में फैलते ही मंदिर परिसार में उनके शुभचिंतको और मंदिर कमिटी से जुड़े लोगों , समाजसेवियों का जुटान शुरू हो गया । सभी लोगों ने उनके पुत्र पंडित ददन पाण्डेय और उनके शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी । सोमवार की रात उनका शव यूसिल अस्पताल जादूगोड़ा के शीतगृह में रखवा दिया गया । मंगलवार की सुबह आठ बजे पंडित जी का पार्थिव शरीर मंदिर परिसर में आम लोगों के दर्शनार्थ रखा गया ।

ग़मगीन माहौल में शिव शक्ति संघ के संस्थापक सदस्य प्रख्यात समाजसेवी गजानंद खेमका , पूर्वी सिंहभूम सेंट्रल दुर्गा पूजा समिति के केन्द्रीय उपाध्यक्ष एवं शिव शक्ति संघ के संरक्षक पत्रकार आशीष गुप्ता , आचार्य पंडित जनकदेव शास्त्री मारवाड़ी समाज की ओर से जादूगोड़ा के व्यवसाई प्रदीप अग्रवाल , राजेन्द्र अग्रवाल, अनिल अग्रवाल , पवन अग्रवाल , राजकुमार गुप्ता , नन्दलाल गुप्ता ,दीपक शर्मा ,आनंद शर्मा अनेक बिहारी खेमका के अलावा शशिभूषण सुधांशु अरविन्द सिंह , राजा रमन्ना राव , संजय सिंह , अजय साह ,बबन शर्मा ,मनोज नायक , अभिमन्यु सिंह , दीपक मंडल ,युवा भाजपा नेता रोहित राकेश सिंह मारवाड़ी महिला मंच से अध्यक्ष ज्योति अग्रवाल , सचिव सुनीता गुप्ता ,सहित शिव शक्ति संघ के सभी सदस्यों एवं हर आम एवं ख़ास लोगों ने स्व० जयकेश्वर पाण्डेय पाण्डेय को पुष्प चक्र एवं फूल माला अर्पित कर भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।

इस मौके पर गजानंद खेमका ने कहा की पंडित जी सन – 1960 के आस -पास जादूगोड़ा में आये थे और फिर यहीं के होकर रह गए ।उन्होंने इस क्षेत्र में सबसे पहले तपकर महादेव शिव मंदिर की स्थापना की और मंदिर परिसर में ही आवास बनाकर रहने लगे । उन्होंने बिना किसी लोभ – लालच के मंदिर के विकास के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया । पूरे क्षेत्र के लोग उन्हें संतोषी भाव के पंडित जी के रूप में जानते थे । आज उनके द्वारा स्थापित शिव मंदिर में कई देवी देवताओं के मंदिर स्थापित हो गए हैं । इस मंदिर के कण -कण में उनकी तपस्या और समर्पण की झलक मिलती है । हाल ही में श्री जगन्नाथ महाप्रभु के भव्य मंदिर की भी स्थापना हो गयी है । उन्होंने शिव शक्ति संघ की ओर से पंडित जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे समाज और शिव शक्ति संघ के लिए अपूरणीय क्षति बताया । अंतिम दर्शन के बाद परिजन उनके अंतिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर को लेकर सड़क मार्ग से वाराणसी रवाना हो गए । कल भोर के चार बजे मणिकर्णिका घाट पर पूरे विधि विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जायगा । पंडित जी अपने पीछे दो पुत्र दो पुत्रियाँ और नाती -पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए हैं ।

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