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शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी एवं प्राईवेट स्कूलों में अभिभावकों से मनमानी शुल्क वसूलने पर रोक लगाई जाए:- रामहरि गोप

प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर भोलेभाले जनता का खुलेआम शोषण किया जा रहा है

संतोष वर्मा
चाईबासाः आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के सिंहभूम लोकसभा प्रभारी धीमान रामहरि गोप के नेतृत्व में मंगलवार को उपायुक्त पश्चिम सिंहभूम कई सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। जिला में सरकारी स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की भारी कमी छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में अप्रत्याशित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिससे पठन-पाठन में अवरोध उत्पन्न हो गया है। जिला के सभी सरकारी स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की संख्या नगण्य है जिससे सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब बच्चों को योजना बाद तरीके से शिक्षा के नाम पर बच्चों का भविष्य बर्बाद करने जैसा प्रतीत होता जा रहा है। जिले के सभी सरकारी स्कूलों में सभी विषयों के शिक्षक नहीं होने के कारण विद्यार्थियों की सर्वांगीण विकास अवरुद्ध सा हो गया है। सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी के बावजूद पदस्थापित शिक्षकों को शिक्षा से भिन्न दूसरे-दूसरे सरकारी कार्यों की जिम्मेदारी दी जाती है जिससे बच्चों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जिला के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षण सामग्री की भारी कमी है जिसके कारण शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में कामयाब नहीं हो पाते हैं।वहीं दूसरी ओर प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा के नाम पर भोलेभाले जनता का खुलेआम शोषण किया जा रहा है। प्रति वर्ष मनमानी ढंग से फीस बढ़ोतरी की जाती है जिससे अभिभावकों को अप्रत्याशित भार उठाना पड़ रहा है। प्रत्येक वर्ष पुस्तकें बदल दी जाती है और स्कूल प्रबंधन, पुस्तकें बाजार से नहीं बल्कि खास एक दुकान से खरिदने का बाध्य करते हैं जिसमें मनमानी ढंग से अभिभावकों से राशि वसूली जाती है। प्रत्येक जरूरत की समान स्कूल स्वयं बेचती हैं जो अन्यत्र कहीं भी उपलब्ध नहीं होती है जिसके कारण विद्यालय एकाधिकार की ओर अग्रसर हो रही है। गैर सरकारी विद्यालयों में 25% गरीब छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पढ़ाने की नियमावली को किसी भी शिक्षण संस्थान ने पालन नहीं किया है।मामले को गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई करते हुए ऊपर वर्णित सभी बिंदुओं का विधिवत समाधान किया जाए साथ ही शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाय और प्राईवेट स्कूलों की निगरानी नियमित रूप से करते हुए जनता का खुलेआम शोषण बंद करने की कोशिश करावें।उन्होंने विभाग से उम्मीद की जताई है कि 15 दिनों के अंदर पत्र के आलोक में कार्य अवस्था हमें प्रदान की जाए। एपीआई के लाल मांझी प्रदेश सचिव, विश्व विजय मर्डी प्रदेश सचिव, चंद्र शेखर मुंडा विस प्रभारी चक्रधरपुर आदि उपस्थित हुए।

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