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क्षेत्रीय भाषाओं से हिन्दी,भोजपुरी,मगही,मैथली को हटाना जनादेश का अपमान – समरेश सिँह

झारखण्ड राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा झारखण्ड सरकार के ग्रुप थर्ड और ग्रुप फोर्थ के रिक्तियों मे स्थानीय भाषाओं मे से राष्ट्रभाषा हिन्दी को हटाया जाना एवं उर्दू को शामिल किया जाना पूरी तरह से हास्यास्पद एवं मुस्लिम तुस्टीकरण से प्रेरित है इसके अलावा राज्य के आधी आबादी से भी ज्यादा लोगों द्वारा बोले जाने वाली भाषा मगही, भोजपुरी, अंगिका, मैथली को क्षेत्रीय भाषाओ के श्रेणी से हटाया जाना विगत चुनाव मे मौजूदा सरकार को मिले जनादेश का पूर्ण अपमान है योगी यूथ ब्रिगेड राज्य सरकार से माँग करतीं है की जनभावना को ध्यान मे रखते हुए अविलम्ब उपरोक्त फैसले को वापस लें वरना जनता सड़क से लेकर सदन तक सरकार के फैसले के खिलाफ उतरेगी.

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