कैट द्वारा आज देश भर में ऐमज़ान के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त हल्ला बोल ।देश के 500 से अधिक ज़िलों में प्रधानमंत्री के नाम ज़िला कलेक्टरों को दिया गया ज्ञापन
जमशेदपुर;देश भर के प्रमुख व्यापारी नेताओं का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 30 सितम्बर और 1 अक्तूबर को वाराणासी में
देश के ई कामर्स व्यापार में बड़ी विदेशी कम्पनियों द्वारा लगातार किए जा रहे देश के क़ानूनों का खुला उल्लंघन और गत तीन दिन में मीडिया में तेज़ी से फैल रही खबर की ऐमज़ान ने भारत में अपने वकीलों के ज़रिए सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दीं है को एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) के आह्वान पर देश के 20 हज़ार से अधिक व्यापारिक संगठनों के व्यापारी नेताओं ने सभी राज्यों के 500 से अधिक ज़िलों ज़िला कलेक्टरों को प्रधानमंत्री के नाम दो ज्ञापन दिए जिसमें ई कामर्स बने नियमों को तुरंत लागू करने की माँग की गई तथा दूसरे ज्ञापन में अधिकारियों को ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिए दीं गई कथित रिश्वत के मामले की सीबीआई द्वारा किए जाने की माँग की गई ।ज्ञातव्य है की ई कामर्स व्यापार में मची धांधली को लेकर कैट 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक एक महीने का ई कामर्स पर हल्ला बोल राष्ट्रीय अभियान चला रहा है ।
यह ज्ञापन कैट द्वारा पूरे देश उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र। छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, पुदुच्चेरी, आंध्र प्रदेश सहित सभी राज्यों के विभिन्न ज़िलों के ज़िला कलेक्टरों को ज्ञापन दिया गया ।
प्रधानमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कैट ने यह भी माँग की है की है कीं ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिये देश के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने वाले मुद्दे पर ऐमज़ान के वित्तीय दस्तावेज जो पिछले वर्षों में सरकारी विभागों को दिए गए हैं उनकी फ़ोरेंसिक ऑडिट कराया जाए जिससे जल्द से जल्द यह पता लग सके की क्या ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिए अधिकारियों एवं अन्य लोगों को रिश्वत दीं गई थी या नहीं और यदि रिश्वत देने का मामला साबित होता है तो ऐसे अधिकारियों एवं अन्य लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दीं जाए और उनके नाम भी सार्वजनिक किए जाएँ ।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव श्री सोन्थालिया ने यह भी कहा है की पिछले वर्षों में ऐमज़ान ने जिस प्रकार से देश के सभी क़ानूनों और नियमों का खुला उल्लंघन किया है और जिस बड़े पैमाने पर धांधली की है वो बेहद गम्भीर और संगीन मामला है , इस दृष्टि से अब यह ज़रूरी हो गया है की ऐमज़ान के व्यापार मॉडल की एक समग्र जाँच की जाए और सभी सम्बंधित विभाग एक साथ इसकी जाँच करे । *इसके लिए उन्होंने माँग की है की इस हेतु आय कर विभाग, केंद्र एवं राज्यों के जींएसटी विभाग. सीसीआइ, प्रवर्तन निदेशालय, सेबी तथा मिनिस्ट्री ओफ़ कॉर्प्रोट अफ़्फ़ैर्स को एक साथ जाँच करनी चाहिए जिससे की सारा मामला साफ़ हो और फिर उस समग्र जाँच के हिसाब से कारवाई हो । * उन्होंने कहा की सरकार को यह स्पष्ट करना पड़ेगा की क्या विदेशी कम्पनियों को देश के क़ानून और नियमों के उल्लंघन की इजाज़त दी जा सकती है या सरकार देश के नियम एवं क़ानूनों की सर्वोचता को क़ायम रखती है । निर्णय सरकार को लेना है । देश के व्यापारी बेसब्री से सरकार के निर्णय का इंतज़ार करेंगे
श्री खंडेलवाल और सुरेश सोन्थालियाने यह भी बताया कीं इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए और इस सारे मामले पर विस्तारपूर्वक चर्चा करने के लिए कैट ने अपने राष्ट्रीय गवर्निंग काउन्सिल की एक आपात मीटिंग आगामी 30 सितम्बर एवं 1 सितम्बर को वाराणासी में बुलाई है जिसमें देश के सभी राज्यों के चुनिंदा शीर्ष नेता भाग लेंगे और ई कामर्स पर सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों की विवेचना कर भविष्य की रणनीति तय करेंगे । व्यापारी नेता इस मुद्दे पर भारत व्यापार बंद करने के निर्णय पर भी विचार कर सकते हैं ।