ए.बी.एम कॉलेज की प्राचार्या ने हिंदी सेमिनार के नाम पर कर रही है पैसों का गबन;कृष्णा कामत
जमशेदपुर;आजादी के लंबे समय के बाद अनुसूचित जाति जनजाति महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण को उजागर करने के लिए एक वेमिनार का विचार सामने लाया गया, जिसकी आधारशिला एक महिला ने ही रखी ,उनका नाम मुदिता चंद्रा है जो ए.बी.एम कॉलेज गोलमुरी की प्राचार्य सह हिंदी विभाग की प्रधान भी है। झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष कृष्णा कामत ने बताया कि उन्होंने वर्तमान में कहे जाने वाले इस श्लोक को फिर से बल दिया है जिसमें कहा जाता है कि महिला ही महिला की दुश्मन होती है मुदिता चंद्रा ने महिला सशक्तिकरण इसका नाम तो दिया है लेकिन अपना आर्थिक लाभ करना नही भूली अपने आर्थिक लालच में वह यह भी भूल गए कि उन्होंने जिस वेमिनार के आयोजन का प्राटूर्भाव तय किया था वह उनके घर का आयोजन नहीं था बल्कि महाविद्यालय का आयोजन था और उन्होंने इसमें राज्य के सभी गणमान्य अधिकारी सह मंत्रियों का नाम भी दिया है लेकिन चोरी करने की नियत को नहीं छोड़ा वह महिलाओं के सशक्तिकरण का हवाला देकर सामाजिक कार्यों में निजी लाभ तय किया और वह वेमिनार के नाम पर चंदा अपने निजी खाते में मंगाने लगी जो महाविद्यालय के संहिता के खिलाफ है उनका खाता संख्या 1388101026588 व IFSC कोड-CNRB0001388 है। पता नहीं वह इस पैसे से कौनसी महिलाओं का सशक्तिकरण करना चाहती थी। लेकिन यह तो तय हो गया है कि चंद्रा जी ने चंदा के नाम पर अनुसूचित जाति व जनजाति महिलाओं का सशक्तिकरण किया हो या ना किया हो पर अपना निजी सशक्तिकरण जरूर कर लिया है