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ई कॉमर्स नीति एवं नियमों का न होना व्यापारियों के लिए धीमे ज़हर की तरह :कैट

रविंद्र सिंह
जमशेदपुर। कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को आज भेजे एक पत्र में ई कॉमर्स पालिसी तथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियमों को लागू करने में अत्यधिक देरी के लिए बेहद अफ़सोस व्यक्त करते हुए कहा की नीति एवं नियमों का अभाव देश के रिटेल व्यापार के लिए एक धीमी गति के ज़हर की तरह काम कर रहा हैं क्योंकि इस स्थिति का लाभ उठाकर विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों अमेज़न और फ़्लिपकार्ट को अपनी मनमानी करने का खुला मौक़ा मिला हुआ है जिसके चलते देश के छोटे व्यापारियों का व्यापार को सीधी खुली चोट पहुँच रही है ।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिव सुरेश सोन्थालिया ने कहा की देश की अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र के लिए नीति एवं नियम बने हुए हैं किंतु ई कॉमर्स एवं रिटेल व्यापार के लिए कोई नीति एवं नियम न होने के कारण से ई कॉमर्स व्यापार में अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा है और इसी कारण से देश भर में व्यापारी चाहते हुए भी ई कॉमर्स व्यापार से नहीं जुड़ रहे हैं क्योंकि जिस प्रकार का व्यापारिक वातावरण ई कॉमर्स में बना हुआ है उसके चलते व्यापारी विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों की मनमानी का मुक़ाबला कर ही नहीं पायेंगे।
सोन्थालिया ने कहा की
हालाकीं श्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में डीपीआईआईटी तथा उपभोक्ता मंत्रालय दोनों ने ई कॉमर्स पालिसी एवं नियमों पर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ अत्यंत व्यापक चर्चा की है जिसके फलस्वरूप गत 2 अगस्त को स्टेकहोल्डर्स के साथ हुई अंतिम मीटिंग में नीति एवं नियमों को जल्द घोषित करने का आश्वासन दिया था किंतु 2 महीने बीत जाने के बाद भी स्तिथि जस की तस है और देश भर के व्यापारी नीति एवं नियमों की आस लगाए बैठे हैं । इस अजीब स्तिथि का फ़ायदा उठाकर आमेजन एवं फ़्लिपकर्ट जैसी कंपनियाँ खुल कर एफ़डीआई पालिसी का उल्लंघन कर रही हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है और इस कड़ी में सबसे पहले सीधे तौर पर मुख्य रूप से मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, एफ़एमसीजी, किराना आदि अनेक व्यापार में लगे व्यापारी अपनी बर्बादी का तमाशा देख रहे हैं ।

सोन्थालिया ने कहा की आमेजन एवं फ़्लिपकर्ट जैसी बड़ी कंपनियाँ अपने ई कॉमर्स पोर्टल कर अपने ही चहेते विक्रेताओं के नापाक गठजोड़ के ज़रिए ई कॉमर्स व्यापार को अपने क़ब्ज़े में लेने के षड्यंत्र में लगी हुई हैं जिससे देश के व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और धीरे धीरे उनके व्यापार में गिरावट आती जा रही हैं ।
इस व्यापारिक वातावरण में यदि तुरंत ई कॉमर्स पालिसी तथा नियम यदि तुरंत लागू नहीं किए गए तो देश का ई कॉमर्स व्यापार विदेशी कंपनियों के हाथों में चला जाएगा – कहा कैट ने ।

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