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आरे रामा सावन की बरसात फुहार

2-भोजपुरी कजरी—

आरे रामा सावन की बरसात फुहार
बहुत है खास ए रामा।।

अरे रामा सावन की बरसात फुहार
भोले का अभिषेक करे देवराज

अरे रामा शिव का वरदान युग धन धान्य ए रामा।।

अरे रामा कान्हा बने मनिहारी पहींन के सारी ए रामा बृंदावन की गलियन घूमे खोजे राधा प्यारी ना।

अरे रामा गोपिन के चतुराई कान्हा घर घर नचाई ए रामा।।

अरे रामा हरियाली खुशहाली चहूं ओर नाचे मगन मोर ए रामा।

अरे रामा भोर में बोले कोयलिया छम छम बरसे बदरिया ना।।

अरे रामा कदम की डारी पड़ गए झूले गोपी संग राधा झूले ना।

अरे रामा कान्हा बजाए बाँसुरीया जिया रिझावे ए रामा।।

अरे रामा सावन की बदरा बदरिया
गुलामी की तोड़े बेड़ियां ना ।

आरे रामा बरसन की गुलामी से
आजादी का राग सावनवा ना।।

अरे रामा पहला सावन पिया घर पिया गइल परदेश काटे सेज सुहाग पिया की यादआवे ना।

बैरी नन्दी देवरा दिन रात सतावे ना।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीतांम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।

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