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राष्ट्रीय सवर्ण महासंघ फाउंडेशन की धमक के आगे झुकी हिमाचल सरकार किया सवर्ण आयोग का गठन।

जमशेदपुर। सवर्णों के आंदोलित होते ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने घुटने टेकते हुए राज्य में तत्काल सवर्ण आयोग गठन की घोषणा के साथ ही अधिसूचना 10 दिसम्बर को तब जारी कर दिया जब आंदोलनकारी विधानसभा सत्र शुरू होते ही स्थानीय जोरावर स्टेडियम में जुटने लगे।।इस आशय की सूचना देते हुए राष्ट्रीय सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी डी त्रिपाठी ने कहा कि ये तो सिर्फ आगाज हैं । यदि भाजपा सहित सभी पार्टियाँ अपने संगठन में सवर्ण मोर्चा एवं राष्ट्रीय स्तर पर एक सक्षम सवर्ण आयोग का गठन नहीं करती हैं , तो आने वाला समय कठिन होगा और यूपी सहित सभी राज्यों के आसन्न चुनावों में हम अपनी उपेक्षा को वोट के माध्यम से जवाब देंगे।हम उस साजिश को कतई स्वीकार नहीं करेंगे जो हमें अब तक राजनीतिक घृणा का पात्र बनाकर परोसा जाता रहा । और धीरे धीरे हमें संगठनहीन और शक्तिहीन कर देश में दोयमदर्जे का नागरिक बनाने की साजिश हो रही हैं। हम राष्ट्र का मुख्य वाहक सदियों से रहें किंतु स्वतंत्रता के बाद संविधान की आड़ में हमारी उप्लवधियों को सम्मान देने की जगह घृणा का पात्र बनाया जाने लगा।यहाँ तक कि 18/A जैसा एक्ट हम पर देश के 75 वें वर्ष में थोप दिया गया। जो रोलॉट एक्ट एवं जजिया से भी ज्यादा पीड़ा देने वाला हैं ।एक ऐसा कानून जो ये तक साबित करता हैं कि हम जन्मजात अपराधी हैं ….शोषक,उत्पीड़क ,प्रताड़क हैं ।जबकि सत्ययता ये हैं कि हमारी रगों में बहने वाली रक्त कणों के बुनियाद पर ही इस देश की भवन खड़ी हैं चाहे वो सांस्कृतिक रष्ट्रवाद की हो या फिर समग्र हिंदुत्व की।
त्रिपाठी ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश सरकार एवं विशेष रूप से वहाँ के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी के प्रति आभार प्रकट करते हैं जिन्होंने ये साहसिक कदम उठाते हुए संगठन एवं सरकार के अंदर बैठे सवर्ण नामधारी रँगे सियारों को सवर्ण आयोग का गठन राज्य में कर ये संदेश दिया कि अब सवर्णों की उपेक्षा संभव नहीं हैं ।
हम देश के यशश्वी प्रधानमंत्री जी से भी आग्रह करते है कि इन रँगे सियारों जो मानसिंह की भूमिका में दरबारी बने हैं उनकी सोच से बाहर आये क्योंकि महाराणा की सोच घास की रोटी खाने से भी नहीं डिगने वाली हैं।आप समग्र हिंदुत्व,समग्र राष्ट्र एवं सबके विश्वास की बात पर मोहर लगाएं …विभाजन के आधार पर वोट की राजनीति इस देश के लिए खासकर यूपी चुनाव के लिए दुःखद होगी।

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