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भारत स्वच्छ मिशन को तथा पाँलिथीन मुक्त भारत को चुना लगाती अधिकारियों की रणनिति

नेहा तिवारी
प्रयागराज। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश के संयुक्त रुप से चलाया जा रहा था भारत स्वच्छ मिशन अभियान तथा पाँलिथीन मुक्त भारत का सपना अधूरा का अधूरा ही रह जाएगा। क्योकि स्थानीय प्रशाशन की घोर लापरवाही सामने आ रहे है भ्रष्ट अधिकारियो और कर्मचारियो के चलते भारत स्वच्छ मिशन का ब्रेक लग गया है। छोटे दुकानदार से लेकर बडे़ से बडे़ दुकानदार और सरकारी कार्यलय तक पाँलिथिन और फाइबर ग्लास ,कटोरी भोजन थल का अपना बोलबाला है। शादी बरात से लेकर के दुकानो तक फाइबर ग्लास की भीड़ देखने को मिलती है। सुबह जब सफाई कर्मी कुडा़ उठाने जाता है तो फाइबर के गिलास के सिवा कुछ नही मिलता उसी फाइबर के गिलास मे बैठकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारी भी चाय पीते है आम पब्लिक की तो बात ही छोड़ गये है जबकि दूसरी तरफ राज्य सरकार व्दारा पाँलिथीन और फाइबर से उपयोग होने वाले सामान को पूर्णतया पाबंदी लगी हीई है। तो यह बाजार मे किस तरह बाजार मे आसानी से उपलब्ध हो जाते है।क्या नगर पालिका परिषद आंखे मूदे हुए है। या आला परिषद इस बात पर ध्यान क्यो नही देते है।

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