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चीनी राष्ट्रपति ने तिब्बत में सैन्य तैयारियों का लिया जायजा

पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों की सेना के जमावड़े के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत का दौरा व वहां शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर चौंकाया है। भारत-चीन सैन्य तनाव के बीच जिनपिंग की यह पहली तिब्बत यात्रा थी। जिनपिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों को ट्रेनिंग व युद्ध की मजबूती से तैयारी करने की बात कही।

जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास रणनीतिक रूप से अहम तिब्बत के निंगची शहर का भी दौरा किया था। इस दौरान जिनपिंग ने तिब्बत की राजधानी ल्हासा में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने तिब्बत में दीर्घकालीन स्थिरता और समृद्धि पर जोर दिया।

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जिनपिंग ने तिब्बत दौरे पर पीएलए की तिब्बत कमान के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने सैनिकों की ट्रेनिंग और युद्ध की तैयारी को पूरी तरह से मजबूत करने पर जोर दिया।

बता दें, जिनपिंग 22 जुलाई को निंगची रेलवे स्टेशन तक आए थे। यह भारतीय सीमा के बहुत पास है। ल्हासा-निंगची रेलखंड की शुरुआत 25 जून से हुई है। बीते कुछ सालों में यह पहला मौका था जब चीन के राष्ट्रपति ने तिब्बत के सीमावर्ती शहर का दौरा किया। निंगची के बाद जिनपिंग हाई-स्पीड ट्रेन से ल्हासा पहुंचे थे। शुक्रवार को वह तिब्बत में तैनात सैनिकों से मिलने के बाद बीजिंग लौटे थे।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट मुताबिक़ जिनपिंग ने पहली बार तिब्बत के शांतिपूर्ण लिबरेशन के 70वें वर्षगांठ पर तिब्बत स्वायत क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने तिब्बत के लोगों को बधाई दी। वह कई जनजाति के लोगों से मिले और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों से उनका ध्यान रखने को कहा।

जिनपिंग ने तिब्बत को लेकर क्या कहा?
जिनपिंग ने तिब्बत को लेकर कहा है कि मौजूदा वक्त में तिब्बत अपने विकास के एक नए ऐतिहासिक शुरुआती बिंदु पर है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी इस चीनी विशेषताओं के साथ समाजवाद के रास्ते पर चलना जारी रखेगी। पिछले 70 सालों में तिब्बत ने ऐतिहासिक प्रगति की है और लोगों के जीवन में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं।

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