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भागवत कथा सुनने और हरि नाम लेने से जीव मोक्ष के साथ हरि के धाम जाता है – श्री युगल किशोर शास्त्री

भारतीय कृष्ण भावनामृत संघ के द्वारा श्री श्री जगन्नाथ महाप्रभु की रथ यात्रा के उपलक्ष में साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा अमृत गुंडिचा मंदिर राजस्थान भवन में हो रही है आज कथा का द्वितीय दिवस है श्री धाम वृंदावन से पधारे पूज्य संत श्री युगल किशोर शास्त्री के मुखारविंद से आज कथा सुनाई गई आज कथा में महाराज परीक्षित का जन्म अभिषेक और शमिक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि द्वारा परीक्षित को तक्षक सर्प द्वारा दंश का श्राप देना राजा परीक्षित का मोह भंग होना राजा का गंगा के तट पर पहुंचना और विलाप करना और श्री श्री शुकदेव गोस्वामी महाराज गंगा तट पर आगमन श्री शुकदेव गोस्वामी महाराज द्वारा राजा परीक्षित एवं जीव कल्याण के लिए सप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण कराना एवं भागवत के 10 लक्षणों के बारे में बताएं इसके साथ ही माता देवहूति एवं कपिल संवाद माता देवहूति का अपने पुत्र कपिल देव को गुरु बनाना एवं गुरु की महिमा वराह अवतार की कथा हिरण्याक्ष की मोक्ष की कथा श्री धाम वृंदावन की महिमा आदि लीलाओं वर्णन करते हुए श्री धाम वृंदावन से आगत पूज्य संत ने श्रोताओं को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से तथा हरि नाम लेने से जीव सिर्फ मोक्ष ही नहीं अपितु भगवान के नित्य धाम को जा सकता और कथा श्रवण करने से भगवान के श्री चरणों में अनंत कोटि पर्यंत तक वास मिलता है l
कथा में मुख्य रूप से सेवा अधिकारी प्रभु द्वारिका बलराम दास, अनादि कृष्णा दास, अध्यक्ष बापी पात्रा, उपाध्यक्ष विजय कुमार अग्रवाल, सचिव शिव प्रकाश शर्मा, राहुल शर्मा, भोला मंडल, कमल दास, श्रीमती अंजू मंधान सहित बड़ी संख्या में माताओं बहनों एवं श्रद्धालु भक्तगणों ने कथा का आनंद लिया और भगवत सुमिरन किया l

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