अबुआ दिसुम अबुआ राज” को स्थापित करने की जगह विस्थापित करने का काम कर रही हेमंत सरकार;सालखन मुर्मू
जेएमएम नित हेमंत सोरेन झारखंड सरकार ने अब तक “अबुआ दिसुम अबुआ राज” को स्थापित करने की जगह विस्थापित करने का काम किया है। जे एम एम केवल वोट और नोट के लिए राजनीति करती है। आदिवासियों का सर्वाधिक वोट लेकर आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी और इतिहास को समाप्त करने का काम करती है। अतएव आदिवासी हितों में सेंगेल, जेएमएम और उनके अंध भक्तों का विरोध करने को बाध्य है। और 31 अगस्त 2021 को 5 प्रदेशों (झारखंड बंगाल बिहार उड़ीसा आसाम) के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में झारखंड सरकार का पुतला दहन करेगी।
सेंगेल ने विश्व आदिवासी दिवस- 9 अगस्त 2021 को भारत के मान्य राष्ट्रपति को 7 सूत्री मांग- पत्र 5 प्रदेशों से प्रेषित किया था। जिसको लागू कराने हेतु 30 सितंबर 2021 को फिर 5 प्रदेशों के जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर माननीय राष्ट्रपति को ज्ञापन पत्र प्रेषित करेगी।
सेंगेल का 7 सूत्री मांग- पत्र: (1) सरना धर्म कोड की मान्यता (2) संताली को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाना और मुंडा, कुरूख, कड़िया, हो आदि भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल करना (3) सीएनटी एसपीटी कानून लागू करना और महान शहीदों सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा के वंशजों के लिये दो ट्रस्ट का गठन करना (4) झारखंडी डोमिसाइल, न्यायपूर्ण आरक्षण और नियोजन नीति लागू करना (5) आसाम- अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को ST का दर्जा देना (6) विस्थापन- पलायन और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर रोक लगाना (7) रामेश्वर मुर्मू और रूपा तिर्की के संदिग्ध मौतों की सीबीआई जांच करना।
देवघर ( झारखंड ) एयरपोर्ट का नाम बिरसा मुंडा एयरपोर्ट की तर्ज पर “सिदो मुर्मू एयरपोर्ट” रखा जाए। न कि बाबा बैद्यनाथ एयरपोर्ट।