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अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू कराना अधिवक्ता हित मे जरूरी : राजेश शुक्ल

राज्य के जिला ,अनुमंडल न्यायालयों आधारभूत संरचना का घोर अभाव

जमशेदपुर झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और राज्य के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने कहा है कि झारखंड में अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू करना अत्यंत आवश्यक है ताकि अधिवक्ता निर्भीकता से अपने दायित्व निभा सके। राजस्थान और मध्यप्रदेश में इसे लागू किया जा चुका है। झारखंड में राज्य सरकार के पास यह लंबित है।

श्री शुक्ल ने आज झारखंड के राज्यपाल श्री सी पी राधाकृष्णन को भेजे ई मेल में लिखा है कि आज झारखंड में जहाँ एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराना अत्यंत आवश्यक है वही झारखंड में जिला और अनुमंडल न्यायालयो में आधारभूत संरचना का बढ़ाने की भी जरूरत है। इस भीषण गर्मी में अधिवक्ता अपने दायित्व का निर्वहन कठिनाई के बाद भी कर रहे है। कई जिला और अनुमंडल न्यायालयों में पर्याप्तबिजली नही रहने से गर्मी में अधिवक्ताओं को अपने कर्तव्य का पालन करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई जिला और अनुमंडल न्यायालय में पर्याप्त आधारभूत संरचना का अभाव है। झारखंड सरकार को राज्य में अधिवक्ता कल्याण की योजनाओं के लिए बजटीय प्रावधान अन्य राज्यों की तरह देना चाहिए।

श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री भी है ने लिखा है कि राज्य सरकार को झारखंड के अधिवक्ताओं के लिए पिछले कुछ महीने पहले किये गए अपनी घोषणा को मूर्त रूप देना चाहिए , क्योकि घोषणाएं अपेक्षाओं को उड़ान देती है और उनका उल्लंघन उतनी ही गहरी प्रतिक्रिया पैदा करता है। कई जिला और अनुमंडल न्यायालय में राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग की उदासीनता के चलते न्यायालय भवनों के रख रखाव की स्थिति ठीक नही है वही आधारभूत संरचना बढ़ाने की योजनाएं लंबित है।

श्री शुक्ल से आज कोल्हान प्रमण्डल के अधिवक्ताओं ने मुलाकात की तथाअधिवक्ताओं की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। चाईबासा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रामेश्वर प्रसाद और झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य श्री अनिल कुमार महतो के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने श्री शुक्ल से भेंट की। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री गोलक नाथ पति, केदार अग्रवाल , अशोक झा, पवन तिवारी , नीलेश कुमार, श्याम ठाकुर ,हरविलास दास , बी जी मोहंती, आशीष सिन्हा, कैसर परवेज एवं श्री निमचंद राम ने श्री शुक्ल से मिलकर अधिवक्ताओं की कठिनाइयों से अवगत कराया।

इस अवसर पर झारखंड स्टेट बार कौंसिल के सदस्य श्री अनिल कुमार महतो ने कहा कि झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन श्री राजेश कुमार शुक्ल ,झारखण्ड के अधिवक्ताओं के गौरव है जिन्होंने झारखण्ड में अधिवक्ताओं के हितों के लिए बराबर कार्य किया। श्री शुक्ल वास्तव में झारखंड में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के प्रणेता है। उन पर झारखंड के अधिवक्ता गर्व करते है। उन्हें देश के आठ राज्यों में अधिवक्ता रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन चाईबासा के अध्यक्ष श्री रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि श्री शुक्ल को देश के आठ राज्यों में वहा की राज्य बार कौंसिल ने अधिवक्ता रत्न से सम्मानित किया है। इससे झारखंड भी गौरवान्वित और महिमामंडित हुआ है।
झारखंड के अधिवक्ताओं को श्री शुक्ल पर गर्व है।

श्री प्रसाद ने कहा कि श्री शुक्ल ने राज्य के अधिवक्ताओं को हर कठिनाई और परेशानी में बढ़ चढ़ कर मदद किया है तथा सहज ही सभी के लिए सुलभ रहते है। झारखंड स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन के रूप तथा वाईस चेयरमैन के रूप में दो दो बार शानदार इतिहास बनाया है।

जिला बार एसोसिएशन चाईबासा के उपाध्यक्ष श्री कैसर परवेज कहा कि श्री शुक्ल ने सदैव युवा अधिवक्ताओं को भी प्रोत्साहित किया है उनके हितों पर ध्यान दिया है झारखंड एक मात्र ऐसा राज्य है जहाँ अधिवक्ताओं को पेंशन मिलता है। उस योजना के चेयरमैन झारखंड में श्री शुक्ल ही है।

इस अवसर पर श्री शुक्ल को पुष्पगुच्छ देकर और शाल ओढ़ाकर जिला बार एसोसिएशन सरायकेला, जमशेदपुर, चाईबासा, घाटशिला और चांडिल के पदाधिकारियों ने सम्मानित किया ।

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