अकाली दल ने तख्त पटना साहेब को भेजा पत्र, बताया – सोखी के स्वीकार गुनाह पर उसे बताया गया तनखैय्या, अकाली दल ने की प्रेस कांफ्रेस – कहा, धार्मिक संस्था को बदनाम करने की साजिश रचने वाले शातिर पर सबूतों के साथ करेंगे मान-हानि का केस
जमशेदपुर : बारीडीह गुरुद्वारा में चुनावी प्रक्रिया के दौरान दोनों उम्मीदवार अवतार सिंह सोखी और कुलदीप सिंह बुग्गे की धार्मिक स्क्रूटनी पर उठे सवाल से गुरुवार को धर्म प्रचार कमेटी अकाली दल ने अपनी सफाई दी. मनीफिट स्थित सोखी कॉलोनी में अकाली दल के कार्यालय में जत्थेदार जरनैल सिंह की अगवाई में प्रेस को संबोधित किया गया. जरनैल सिंह ने कहा कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बुलावे पर वह किसी भी गुरुद्वारा के चुनाव में धार्मिक स्क्रूटनी करते हैं. बारीडीह में भी ऐसा ही हुआ. जहां स्क्रूटनी के दौरान अवतार सिंह ने लिखित कहा था कि वह छन्नी बाबा के गुरुद्वारा जाते हैं और पूर्व में शराब का सेवन करते थे. अमृत छकने के बाद वह शराब नहीं पीते. वहीं, कुलदीप सिंह ने भी कहा था कि वह सिख रहित मर्यादा का पालन करेंगे. उसी आलोक में सीजीपीसी को उन्होंने अपनी रिपोर्ट भेजकर कहा था कि दोनों उम्मीदवार तनखैय्या हैं, आप अगली कार्रवाई सुनिश्चित करें. न कि उन्होंने उम्मीदवार सोखी को तनखैय्या घोषित किया था. क्योंकि उस वक्त वह पंज सिंहों की भूमिका में थे, ना कि पंज प्यारों की. जरनैल सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई उन्होंने धार्मिक मूल्यों के आधार पर की थी, लेकिन एक व्यक्ति ने इसमें शातिर चाल चली और तख्त पटना साहेब में अवतार सिंह के हाथों तोड़ मरोड़ कर एक शिकायत अवतार सिंह से करवा दी, जिसके आलोक में तख्त साहेब के पांच प्यारों ने अकाली दल के पांच मेंबरों को 17 जुलाई को तलब किया था. जरनैल सिंह ने कहा कि उन्होंने साक्ष्य के साथ अपना जवाब पटना साहेब के पांच प्यारों को प्रस्तुत कर दिया है. उनसे बात भी कर ली है. जरनैल सिंह ने पांच प्यारों को यह भी बताया कि झारखंड, बंगाल, ओढ़िसा में अमृत संचार का कार्य निभाते हुए वह तनखाह भी लगाते आये हैं, लेकिन सोखी के मामले पर उन्हें तनखैय्या बताया था, ना कि उन्हें तनखैय्या कहा था.
इधर, एक सिख नेता का नाम नहीं लेते हुए उनपर अकाली दल ने जमकर भड़ास निकाली. अकाली दल ने दावा किया है कि वह सौ सालों से अपने कार्यों का निर्वाह करती आ रही है. लेकिन धार्मिक मामलों में राजनीतिक घुसाकर संस्था को बदनाम करने की कोशिश की है. पूरे सबूतों को एकत्र कर वह उस व्यक्ति के खिलाफ न्यायलय में मान हानि का केस करेंगे. अकाली दल ने यह भी कहा कि सीजीपीसी का संविधान कहता है कि अमृतपान करने के बाद दो साल तक उसका पालन करने वाले को ही गुरु घर का प्रधान बनाया जा सकता है. इसका पालन सीजीपीसी को करना है, आखिर क्या वजह है कि सीजीपीसी इसे लागू नहीं करती. प्रेस कांफ्रेंस में अकाली दल के प्रधान ज्ञानी सुखदेव सिंह, रविंद्र सिंह, रविंद्रपाल सिंह, रामकिशन सिंह, प्रीतपाल सिंह, हरजिंदर सिंह भी मौजूद थे.