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मालिकाना हक का मुद्दा फिर उठा विधानसभा में सरयू राय ने कहा संकल्प संख्या 817/रा॰ को विलोपित करे सरकार

सरकार ने कहाः इसे विलोपित करने से इनकार नहीं भाजपा के हंगामे के कारण सरकार का जवाब रह गया अधूरा

यह संकल्प मालिकाना हक दिलाने में सबसे बड़ा रोड़ा : सरयू राय

मालिकाना हक का मामला फिर उठाएंगे क्योंकि लड़ाई अभी अधूरी है

जमशेदपुर। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने कहा है कि झारखंड सरकार के राजस्व विभाग के संकल्प संख्या 817/रा॰, दिनांक 22 फरवरी 2018 को विलोपित करे ताकि आवासितों को मालिकाना हक मिल सके। बीते 31 जुलाई को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में श्री राय ने बस्तियों की स्थिति का विवरण देते हुए मांग की थी कि बस्ती के वाशिंदों को मालिकाना हक दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में तत्कालीन सरकार द्वारा जारी किया गया यह आदेश जमशेदपुर वासियों को मालिकाना हक दिलाने में सबसे बड़ा बाधा बना हुआ है।

इस पर सरकार ने उत्तर दिया कि झारखंड सरकार के राजस्व विभाग के संकल्प संख्या 817/रा॰ को रद्द करने का निर्णय विचाराधीन नहीं है अर्थात सरकार ने इसे विलोपित करने से इनकार नहीं किया है परंतु फिलहाल यह निर्णय विचाराधीन नहीं होने यानि भविष्य में इस पर विचार किया जा सकता है। इस पर श्री राय ने जोर दिया कि सरकार द्वारा आदेश के रूप में पारित यह संकल्प जमशेदपुर वासियों को मालिकाना हक देने में सबसे बड़ा बाधक है।

हालांकि सरकार का उत्तर पूरा नहीं हो पाया क्योंकि भाजपा के विधायकों द्वारा हो-हल्ला करने के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया। श्री राय ने कहा कि बस्तीवासियों को मालिकाना हक दिलाने का विषय वह भविष्य में फिर से उठाएंगे, क्योंकि उनकी यह लड़ाई अभी अधूरी है।

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