ब्राह्मणों की त्याग इतिहास के पन्नो में अंकित है और आगे भी सदैव त्याग करता रहेगा : राकेश्वर पांडेय
ब्राह्मण सशक्तिकरण और मजबूतीकरण ही उद्देश्य है समिति का : कमलकिशोर
समिति द्वारा निर्णायक फैसले
जल्द होंगी वैवाहिक प्रकोष्ठ का निर्माण,
समाज को सुदृढ़ बनाने हेतु होगा विस्तार
जिला संयोजक मंडली बनाई गई जो करेगी समिति का संचालन जो इस प्रकार है :-
शिव प्रकाश शर्मा, डीडी त्रिपाठी,रत्नेश तिवारी, विमलेश उपाध्याय, राजेश झा, रविन्द्र मिश्रा,पप्पू मिश्रा, जुगुन पाण्डेय ,अप्पू तिवारी, सुशील पांडे, निखिल तिवारी, वैभव उपाध्याय, संजय तिवारी, संजय उपाध्याय, रविरंजन तिवारी, पवन ओझा,सुनील तिवारी को बनाया गया। रविवार को भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव समिति का वनभोज का आयोजन हुडको पार्क टेल्को जमशेदपुर में मनाई गई , जिसमें सामाजिक रूप से मजबूत संगठन के निर्माण और समाज में गरीबी रेखा में जी रहे ब्राह्मणों के उत्थान और उनके परिवार को सशक्त बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है , समिति के संयोजक कमलकिशोर जी ने बताया कि भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव समिति वैसे शिक्षित बच्चों जिन्हें स्कूली शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई हो रही हो , वैसे युवा पीढ़ी जो समाज के मुख्य धारा से विमुख होकर भटक गए है उन्हें भी मुख्य धारा से जोड़ना प्राथमिकता रहेगी समिति का , साथ ही समाज को संगठित करने के लिए सभी कठिनाइयों को दूर करने का संकल्प लेकर आगे बढ़े तभी समाज का विकास होगा और एक बेहतर समाज की परिकल्पना को पूर्ण करने का कार्य करेंगे, वर्तमान परिदृश्य में वामपंथी विचारधार के लोग या अंग्रेजी सम्राज्य के पालतू विद्वानों ने सदैव ही ब्राह्मणों को नीचा दिखाने का प्रयास किया है लेकिन आज के परिवेश में ब्राह्मणों प्रतिभा को मौका न मिल पाने का कारण वैसे ब्राह्मणों का मानसिक शोषण हो रहा है इससे उबरने का प्रयास करना होगा । कमलकिशोर जी ने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के समग्र विकास का कार्य भगवान श्री परशुराम जन्मोत्सव समिति करेगी, साथ सभी जाती वर्ग के गरीब शिक्षित बच्चों जिनके पढ़ाई लिखाई का खर्च भी वहन करने का कार्य समिति करेगी इसकी भीं तैयारी करनी है ।
समाज के अग्रणी नेता राकेश्वर पांडेय ने कहा कि जब जब इस सृष्टि को जरूरत पड़ी है सदैव ब्राह्मण परिवार ही त्याग करता है और आगे भी निरंतर करता रहेगा लेकिन क्या इस सृष्टि के निर्माण में सिर्फ ब्राह्मण ही त्याग करेंगे इस विषय को आज चिंतन करने की आवश्यकता है क्योंकि आज के वर्तमान परिवेश में सिर्फ ब्राह्मण ही उपेक्षा के शिकार हो रहे है और इन्हीं उपेक्षाओं का कारण ढूंढने की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि इसका मुख्य कारण है ब्राह्मणों की एकजुटता की कमी , ब्राह्मणों में संस्कार और शिष्टाचार की कमी है उन्हें दूर करने का प्रयास करने की आवश्यकता है इस समिति के माध्यम से ब्राह्मण एकजुटता तो दिखाई पड़ रहा है चुकी इस समाज के निर्माणकर्ता और संयोजक मंडली त्याग करने में सबसे अव्वल रहे है और मुझे खुशी है कि मै भी इस समिति का हिस्सा हु, आगे मुझे जो भी समिति जिम्मेदारी निभाऊंगा , पांडेय जी ने कहा कि समाज को कई बार आसुरी शक्तियों द्वारा विखंडित करने का प्रयास किया गया है और किया जाता रहा है लेकिन हम ब्राह्मण है कि समझौता करने के बजाय अपनी समझ बुझ के कारण इन आसुरी शक्तियों से मुक्ति पाने में सफल पाते है इसलिए आज के परिवेश में हम सभी को संगठित होना आवश्यक हो गया है और जब समाज संगठित होगा आप संगठित होंगे तो आपका विकास होगा आपके संस्कार का विकास होगा आपके शिष्टाचार का विकास होगा तभी इस राष्ट्र का विकास की परिकल्पना पूरा होगा ।
चिकित्सीय जांच शिविर का भी आयोजन किया जिसमें बल्ड शुगर, और बल्ड प्रेशर की जांच की गई इसके बाद स्वरुचि भोज का आयोजन में सभी ने स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया साथ ही भजन संध्या का भी आयोजन भजन सम्राट आशीष सेठ के द्वारा प्रस्तुत की गई ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे, भाजपा जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा, नकुल तिवारी, डीके मिश्रा, राम उदय मिश्रा, दसरथ चौबे, शिव प्रकाश शर्मा, विनोद उपाध्याय, वेदप्रकाश उपाध्याय, डीडी त्रिपाठी, चंद्रशेखर मिश्रा, हरेंद्र मिश्रा, राजेश झा, मुन्ना चौबे, रविन्द्र मिश्रा, संजय मिश्रा, ददन पांडेय, पप्पू मिश्रा, विजय खान, मनोज मिश्रा, प्रमोद पाठक, प्रमोद तिवारी, संजय तिवारी, अप्पू तिवारी, महेश मिश्रा, ब्यूटी तिवारी, विजय तिवारी, सुभाष उपाध्याय, कामेश्वर पांडेय, आनंदी ओझा, सीपी शुक्ला, अंबुज पांडेय, मुकेश तिवारी, पवन ओझा,बिट्टू मिश्रा, डाक्टर अजय चौबे, अशोक राय, संजय ओझा, अरुण पांडेय, राजेश ओझा, रंजीत तिवारी, संजीव आचार्य, अविनाश उपाध्याय, निखिल तिवारी, बबलू मिश्रा, के बी मिश्रा, विनीता मिश्रा, सीएल तिवारी, राजेश ओझा, सोनू झा, ओंकार तिवारी, केशव तिवारी, समेत सैकड़ो ब्राह्मण विप्र मौजूद रहे।