सौरभ सिंह सोमवंशी
प्रयागराज मे अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों मे मौत हो गई। उनका शव फांसी के फंदे लटकता हुआ पाया गया। सुचना पर मौके पर एसएसपी समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौजूद है। पुलिस को पास से पांच पन्ने का सुसाइड नोट मिला है। जिसमे नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य को दोषी ठहराया है। फिलहाल पुलिस जांच मे जुटी हुई है। मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे और उनके अनुयायियों को इस अपार दुख को सहन करने की क्षमता प्रदान करें।
कल ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से उनकी मुलाकात हुई थी केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि नरेंद्र गिरी जी साहस की प्रतिमूर्ति थे और वह आत्महत्या कर ही नहीं सकते इसके अलावा प्रयागराज और देशभर के साधु संत नरेंद्र गिरी की मौत की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग कर रहे हैं।
प्रतापगढ़ के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती, चक्रपाणि महाराज आदि तमाम संतो ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है इसी बीच फॉरेंसिक टीम भी मठ पर पहुंच गई है।
अब देखना यह है कि 5 पन्ने के सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने क्या लिखा है और कहीं उनका इशारा उन्हीं के शिष्य आनंद गिरि के ऊपर तो नहीं है हालांकि नरेंद्र गिरी प्रयागराज के ही नहीं पूरे देश भर के चर्चित चेहरे थे और वह राजनीतिक सांस्कृतिक और हर एक स्तर से मजबूत व्यक्तित्व थे। प्रमोद कृष्णन व देवकीनंदन ठाकुर ने भी सवाल उठाए हैं और आत्महत्या की बात को नकारा है और कहा है कि वह आत्महत्या कर ही नहीं सकते इसलिए मामला संवेदनशील होता चला जा रहा है।
इसी बीच पता चल रहा है कि नरेंद्र गिरी ने अपने सुसाइड नोट में अपने वसीयत के बारे में भी काफी कुछ लिखा है। आईजी प्रयागराज के द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि वह अपने शिष्य से काफी परेशान थे अब वह शिष्य कहीं आनंद गिरि तो नहीं थे यह जांच का विषय है क्योंकि पिछले दिनों आनंद गिरी और नरेंद्र गिरी शिष्य और गुरु के बीच काफी मामला गरम हो गया था बाद में उनके शिष्य आनंद गिरि ने नरेंद्र गिरी के साथ एक फोटो खिंचाई थी और माफी भी मांगा था।