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21 को होगा हरिवंश की तीन किताबों पर लेखकीय संवाद

प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर का आयोजन. चेंबर भवन, बिष्टुपुर में पाठकों से संवाद करेंगे लेखक हरिवंश

कैलास यात्रा, भारतीय आध्यात्मिक परंपरा के मनीषियों से संवाद और देश—दुनिया के नायकों के रेखाचित्र की हैं किताबें

जमशेदपुर। 21 जनवरी 2023 को 12 बजे से चेंबर भवन, बिष्टुपुर में राज्यसभा के उपसभापति, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक श्री हरिवंश की तीन किताबों पर लेखकीय संवाद होगा। प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के इस आयोजन में लेखक श्री हरिवंश की तीन नयी पुस्तकों के बारे में जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज के कुलसचिव डॉ अविनाश कुमार सिंह व एलवीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डॉ एके झा व घाटशिला कॉलेज के प्रोफेसर मित्रेश्वर अग्निमित्र परिचर्चा करेंगे। साहित्यकार सह प्रोफेसर त्रिपुरा झा लेखक श्री हरिवंश की तीनों पुस्तकों पर प्रश्नोत्तरी संवाद करेंगी। इस आयोजन में उपस्थित पाठकों से भी लेखक का संवाद होगा। वाणी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इन तीनों पुस्तकों के नाम क्रमश: ‘पथ के प्रकाश पुंज’, ‘कलश’ और ‘सृष्टि का मुकुट: कैलास मानसरोवर’ है. इन तीनों पुस्तकों का संपादन हैदराबाद में रहनेवाले प्रसिद्ध पत्रकार अतुल कुमार ने किया है।

‘पथ के प्रकाश पुंज’ संस्मरण और रेखाचित्र की मिलीजुली किताब है, जिसमें लेखक श्री हरिवंश ने देश—दुनिया के उन नायकों का स्मरण किया है, जिन्होंने देश—दुनिया को राह दिखायी। एक नये रास्ते का निर्माण किया। जो प्रेरणा के स्रोत रहे. राजनीति, समाजशास्त्र, विज्ञान, पत्रकारिता, शिक्षा इत्यादि क्षेत्रों की ये अनूठी विभूतियां रही हैं. इन्होंने ऐसी यात्रा की कि वह ‘जीवन का पथ’ का प्रकाश पुंज बनी।
‘कलश’ पुस्तक में भारतीय आध्यात्मिक परंपरा के मनीषियों से हुई बात—मुलाकात का ब्यौरा, साक्षात्कार या उनके बारे में आलेख हैं. बतौर पत्रकार, लेखक श्री हरिवंश ने बीते लगभग 40 वर्षों में आध्यात्मिक विषयों पर, जो आलेख और इस विषय पर लिखे, जिन दुर्लभ साधु-संतों और योगियों से बातचीत की है, उनमें से चुनिंदा लेखों के संकलन को को ‘वाणी प्रकाशन’ द्वारा ‘कलश’ में प्रकाशित किया गया है।
‘सृष्टि का मुकुट: कैलास मानसरोवर’ लेखक श्री हरिवंश की कैलास मानसरोवर की यात्रा के अनुभवों का दस्तावेज, यात्रा वृतांत और यात्रा डायरी, तीनों का मिलाजुला रूप है. कैलास मानसरोवर को ‘तीर्थों का तीर्थ’ भी कहते हैं. लेखक ने कैलास यात्रा 2011 में की. आज भी यह दुर्गम तीर्थयात्राओं में मानी जाती है. निजी संस्मरण के साथ ही इस पुस्तक में स्वामी प्रणवानंद, काका साहब कालेलकर, राहुल सांकृत्यायन, बिमल डे, पॉल ब्रंटन, प्रो. कृष्णनाथ, स्वामी राम, डॉ. राम मनोहर लोहिया, स्वामी सत्यदेव परिव्राजक, शांतिलाल त्रिवेदी, विद्यानिवास मिश्र, भागवत शरण उपाध्याय, प्रो. शुकदेव सिंह, बल्लभ डोभाल, शेखर पाठक, केटीएस सराओ, रामचंद्र छारिया, गगन गिल, तिमेरी एन. मुरारी, रमेश चन्द्र द्विवेदी, चितरंजन कुमार खेतान, केरी मारान, लामा अंगारिका और वी. शर्मा सहित अन्य विद्वानों के कैलास पर विचार भी हैं।
यह जानकारी प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के महासचिव श्याम झा व रवि झा ने संयुक्त रूप से दी।

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