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सोनिया गांधी से ईडी की दोबारा पूछताछ, धरने पर बैठे राहुल गांधी को पुलिस ने हिरासत में लिया

नई दिल्ली;कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी आज दूसरी बार पूछताछ कर रहा है. आज क़रीब 11 बजे सोनिया ईडी के दफ़्तर पहुँचीं.

इसी बीच पूरे देश में कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस के सांसदों ने दिल्ली में संसद भवन में गांधी मूर्ति के पास से विजय चौक के लिए मार्च निकाला. मार्च में राहुल गांधी भी शामिल थे और फिर वे विजय चौक पर धरने पर बैठ गए.

बाद में दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया

मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “सभी सांसद यहाँ पर आए. वो महंगाई और बेरोज़गारी की बात कर रहे हैं. लेकिन पुलिस हमें यहाँ बैठने नहीं दे रही. अंदर (संसद में) बहस नहीं होने दी जा रही है और यहाँ वो हमें गिरफ़्तार कर रहे हैं.”

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मार्च में शामिल कई दूसरे कांग्रेस नेताओं को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. इनमें रंजीत रंजन, केसी वेणुगोपाल, इमरान प्रतापगढ़ी और के सुरेश शामिल हैं.कांग्रेस के प्रवक्ता अजय मानक ने कहा है कि राजनीतिक द्वेष की भावना से ये कार्रवाई की जा रही है.

इससे पहले 21 जुलाई को ईडी ने सोनिया गांधी से क़रीब दो घंटे तक पूछताछ की गई थी.

राहुल गांधी से भी इस मामले में ईडी कई घंटे पूछताछ कर चुका है.ये मामला नेशनल हेराल्ड अख़बार से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1938 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी. उस समय से यह अख़बार कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता रहा था.

अख़बार का मालिकाना हक़ ‘एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड’ यानी ‘एजेएल’ के पास था, जो दो और अख़बार भी छापा करती थी. हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘क़ौमी आवाज़’.

आज़ादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को ग़ैर व्यावसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया और कंपनी एक्ट धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त भी कर दिया गया. वर्ष 2008 में ‘एजेएल’ के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का क़र्ज़ भी चढ़ गया.

फिर कांग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई ग़ैर व्यावसायिक कंपनी बनाई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया.
इस नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे. कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर ऋण भी दे दिया. इस कंपनी ने ‘एजेएल’ का अधिग्रहण कर लिया.

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने वर्ष 2012 में एक याचिका दायर कर कांग्रेस के नेताओं पर ‘धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया था. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ ने सिर्फ़ 50 लाख रुपयों में 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का उपाय निकाला जो ‘नियमों के ख़िलाफ़’ है.

याचिका में आरोप लगाया गया कि 50 लाख रुपये में नई कंपनी बनाकर ‘एजेएल’ की 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति को ‘अपना बनाने की चाल’ चली गई.

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