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सीतारामडेरा में आदिवासी हो समाज ने मागे पर्व का हुआ भव्य आयोजन

जमशेदपुर। आदिवासी हो समाज सीतारामडेरा की ओर से देशाउली मागे पोरोब का भव्य आयोजन आदिवासी +2 उच्च विद्यालय सीतारामडेरा प्रांगण में किया गया। मागे पोरोब का दूसरा दिन यानी मागे पूजा दिउरी मंगल हंसदा एवम उनके सहयोगी सुभाष सोय और दामोदर हंसदा द्वारा किया गया। देशाउली सिंगबोंगा एवम ग्राम देवता सबके नाम से लाल , सफेद, बारह बोरनी मुर्गे और काले मुर्गी की बली देशाउली जहेरथान में दी गई एवम समस्त बस्ती वासियों के मंगलमय स्वस्थ की कामना की। हो समुदाय के मान्यता अनुसार दियूरी मंगल हंसदा ने कहा यह पर्व मनाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है।इसकी शुरुआत इस धरती के प्रथम मानव लुकू और लुकुमी ने की थी।

हो समाज सीतारामडेरा के अध्यक्ष राजेश कांडेयोंग ने कहा मागे पर्व हो समुदाय का बहुत बड़ा एवम प्रमुख पर्व है।
इस पर्व में सभी अपने अपने घरों में मेहमानों को बुलाते है, पकवान हेतु लेटो मंडी बनाया जाता है।
यह पर्व सीतारामडेरा में हर साल बहुत धूमधाम से मनाते है।
हो समुदाय के लोग महीने भर पहले से ही इसकी तैयारी में लग जाते है। ऐसी मान्यता है की यह पर्व करने से किसी तरह की महामारी का प्रकोप नहीं होता है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से संगीता सामड , राजकुमार हेमब्रॉम, दुर्गामुनी, प्रियंका बिरुआ, शबनम बारी, महावीर पडेया, जीतराम बारदा, दोनो हंसदा, दामु सोय, कृष्णा सुंडी, पियूष बोदरा, रोहित बांद्रा,रितेश बांद्रा, सोनू पूर्ति, सुमित बरदा, रिक्की गिलुआ, अनिल सोय, सौरभ बोदरा एवम समस्त बस्ती वासियों का सहयोग रहा।

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