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“सिरिंगसिया-1837” ने एक बार फिर किया झारखण्ड का नाम रोशन

जमशेदपुर. शहर की युवा फिल्मकार प्रज्ञा सिंह के निर्देशन में झारखंड के स्वतंत्रता सेनानी पोटो हो के नेतृत्व में अंग्रेजों के खिलाफ सिरिंगसिया घाटी विद्रोह पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म “सिरिंगसिया-1837” ने एक बार फिर झारखण्ड का नाम रोशन किया है। फ़िल्म को नई दिल्ली में आयोजित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन फ़िल्म फेस्टिवल 2022 (आईआईएमसीएफएफ) में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के पुरस्कार से नवाजा गया। “सेरेंगसिया 1837” का निर्माण करीम सिटी कॉलेज के छात्रों द्वारा वीपीआरए एंटरटेन्मेन्ट के बैनर तले से किया गया है। इससे पहले फ़िल्म ने चित्रभारती राष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव, भोपाल में स्पेशल ज्यूरी अवार्ड जीता था।

आईआईएमसी फिल्मोत्सव 2022 में सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के रूप में चुने जाने पर जमशेदपुर के युवा फिल्मकार प्रज्ञा सिंह, विकास-प्रकाश एवं कुणाल की टीम को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव श्रीमती नीरजा शेखर ने अवार्ड तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का अवार्ड जीतने पर फ़िल्म की निर्देशिका प्रज्ञा सिंह बताती है कि “पत्रकारिता के विद्यार्थियों का आईआईएमसी आकर पढ़ाई करना सपना होता है, यहां अध्ययनरत भावी पत्रकारों की सोच और आईडिया देश को नई दिशा देती है। आईआईएमसी फिल्मोत्सव में झारखण्ड में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह पर आधारित “सिरिंगसिया-1837” को भावी पत्रकारों, ज्यूरी मेंबर्स एवं अतिथियों की भरपूर सराहना मिली।
फिल्मोत्सव में हमारी फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का अवार्ड मिलना जमशेदपुर एवं झारखंड के लिए गौरव की बात है। फ़िल्मोत्सव मे पद्म भूषण शर्मिला टैगोर, निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री, अभिनेता आशीष शर्मा, अभिनेत्री अर्चना टी शर्मा समेत फ़िल्म इंडस्ट्री के नामचीन हस्तिया मौजूद थी। उन्होंने इंटरैक्टिव सत्र के माध्यम से फिल्मकारों को फ़िल्म की बारीकियों से अवगत कराया।
“सेरेंगसिया 1837″ को सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म अवार्ड मिलने पर समूची टीम बेहद उत्साहित महसूस कर रही है। यह सफलता झारखंड के ऐतिहासिक महत्व और धरोहरों पर आधारित फिल्में बनाने को हम सभी युवा फिल्मकारों को लगातार प्रेरित करेगी।” फ़िल्म का चयन लंदन के भी फ़िल्म फेस्टिवल में किया गया है।
छात्रों की इस सफलता पर करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मो रियाज तथा मास कम्युनिकेशन विभागाध्यक्ष डॉ नेहा तिवारी ने खुशी जताई। फ़िल्म निर्माण में नीदरलैंड के रिसर्चर पॉल स्ट्रीमर, कोल्हान विश्वविद्यालय के इतिहास विभागाध्यक्ष संजय नाथ, हो रिसर्चर प्रधान बिरुवा, अंकिता टोप्पो, सूरज गिलुआ, साधु हो, तरुण कुमार, जग्गनाथ हेस्सा, गौरव सिंह, अमन सिंह, प्रतिक सिंह, कुणाल सरकार, प्रतिक चौरसिया, वीरेंद्र कुमार, अरुण कुमार, निमाई गोराई, हर्ष झा, स्वस्ति सिंह, एवं सन्नी सुम्बरई एवं अन्य ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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