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विधायक सरयू राय ने मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटक वेल में लोहे के जाली लगाने के काम का किया निरीक्षण

जमशेदपुर: पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटक वेल में लोहे की जाली लगाने के कार्य में प्रगति का निरीक्षण किया. श्री राय ने बताया कि नदी में जल प्रवाह कम हो जाने से इंटेक वेल के चारों और शैवाल और कूड़ा-कचरा इकट्ठा हो गया है। पानी का रंग भी वहाँ काला हो गया हैै। परियोजना के तकनीकि जानकारों ने बताया कि इंटक वेल के निर्माण काल से ही कूड़ा-कचड़ा रोकने के लिए सिर्फ एक जाली लगाया गया था जो पर्याप्त नहीं था और आमजन द्वारा पानी की गुणवत्ता की शिकायत हमेशा रहती थी। इस संबंध में विधायक श्री सरयू राय ने जुस्को प्रबंधन को शुद्ध व गुणवत्तापूर्ण पेयजल आपूर्ति हेतु आवश्यक सुधार करने का निर्देश दिया जिसके फलस्वरूप लोहे के दो अतिरिक्त जाली प्रथम जाली 6 अप्रैल 2022 और दूसरी जाली आज लगाया गया।
मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटक वेल को कूड़ा-कचरा से बचाने के लिये वेल में जंगरोधी लोहे की जाली लगाने का काम जुस्को प्रबंधन ने कर दिया है. नदी में नीचे जाकर मिस्त्री एवं विशेषज्ञ द्वारा जाली लगाया गया है और पानी के नीचे वेल्डिंग किया गया है। टाटा स्टील के सुरक्षा पैमाना पर खरा उतरने के बाद जोखिम भरा यह काम सफलतापूर्वक किया है। जमशेदपुर में ऐसा कठिन तकनीकी काम पहली बार हुआ है। तीनों जालियाँ लग जाने के बाद मोहरदा पेयजल परियोजना के इंटक वेल में बारिश का पानी के साथ प्लास्टिक एवं अन्य तरह के कूड़े-कचरे इंटेक वेल में नहीं जा पायेंगे। उल्लेखनीय है की बाढ़ के कारण नदी में जानेवाला कूड़ा-कचरा इंटेक वेल के पम्प में फँस जाता था जिसके कारण पेयजल परियोजना को कई दिन बंद रखना पड़ता था। मोहरदा पेयजल परियोजना की कई कमियों को दो वर्ष के भीतर जुस्को ने दूर किया है. जैसे निर्माणकाल से ही मोहरदा जलापूर्ति से क्षेत्रवासियों को सिर्फ एक टाईम पानी आपूर्ति की जाती थी। परंतु विधायक सरयू राय के सार्थक प्रयास से अब दो टाईम पेयजल आपूर्ति किया जा रहा है, टंकी निर्माण के बाद पहली बार विगत 5 माह में 5 टंकी की सफाई किया गया है। शेष टंकियों की सफाई अभी प्रगति पर है। मोहरदा पेयजल परियोजना की क्षमता बढ़ाने और कई मुहल्लों में नया पाईप लाईन डालने का काम हुआ है। पेयजल की आपूर्ति में सुधार हुआ है और इसके लिये समय सारिणी के अनुसार काम हो रहा है। सबसे बढ़कर पेयजल की गुणवत्ता बढ़ाने पर काम हुआ है. फिर भी अनेक काम अभी होने बाकी हैं जिन्हें परियोजना के फेज-2 में समाहित करना है।

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