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रघुवर दास भाजपा सरकार और हेमंत सोरेन जेएमएम सरकार में ज्यादा कोई फर्क नहीं;सालखन मुर्मू

रघुवर दास भाजपा सरकार और हेमंत सोरेन जेएमएम सरकार में ज्यादा कोई फर्क नहीं है। पहले रघुवर दास ने दुनियाभर के पूंजीपतियों/ उद्योगपतियों को निवेश के लिए रांची बुलाकर विकास का हाथी उड़ाया था। अब हेमंत सोरेन सरकार ने झारखंडी जन की नजरों से बच बचाकर रांची नहीं दिल्ली में 27-28 अगस्त 2021 को निवेशकों को आमंत्रित किया। और 10 हजार करोड़ के पूंजी निवास पर करार हुआ है। पूंजीपति/ उद्योगपति झारखंड के जल जंगल जमीन खनिज और जन संपदा का दोहन शोषण करेंगे। अबुआ दिसुम अबुआ राज को उजाड़ेंगे। आदिवासी भाषा संस्कृति और सरना धर्म को बर्बाद करेंगे।
रघुवर सरकार ने तब सीएनटी एसपीटी कानून को तोड़ने की कोशिश की जिसे सेंगेल ने जबरजस्त जन आंदोलन और झारखंड हाईकोर्ट के मुकदमों से उसे रोक दिया। हेमंत सरकार ने अभी 23.3.21 को विधानसभा में सीएनटी एसपीटी कानून को तोड़कर लैंड पूल का बिल पास किया। तो रघुवर सरकार ने लैंड बैंक बनाया था। विकास के नाम पर झारखंड के भूभाग का तथाकथित विकास हो सकता है। मगर आदिवासी- मूलवासी जन का विनाश तय है। चूँकि झारखंड बने 20 वर्षों में न न्यायपूर्ण झारखंडी डोमिसाइल नीति, न न्यायपूर्ण आरक्षण नीति, न न्यायपूर्ण नियोजन नीति बनी है। उसी प्रकार पूर्व में विस्थापितों और भविष्य में विस्थापित होने वालों के लिए भी न्यायसंगत पुनर्वास नीति नही बनी है। रघुवर दास ने जहां झारखंडियों के दिलों में डर और खौफ पैदा कर दिया था आज हेमंत सोरेन सरकार भी वही कर रही है। भोले-भाले आदिवासियों को पिता-पुत्र लंबे अरसे से बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं।
सेंगेल 31 अगस्त 2021 को झारखंड बंगाल बिहार आसाम उड़ीसा के आदिवासी बहुल जिलों में राष्ट्रपति के नाम 7 सूत्री मांग पत्र के साथ हेमंत सोरेन सरकार का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन करेगी।

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