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मानगो नगर निगम चुनाव के खिलाफ तिलका माझी चौक पर डिमना में एकदिवसीय अनशन

जमशेदपुर। रविवार को प्रातः 8:00 बजे से मानगो नगर निगम के गठन एवं चुनाव के विरोध में एक दिवसीय अनशन का आयोजन संयुक्त ग्रामसभा संघर्ष समिति द्वारा किया गया. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार मानगो नगर निगम चुनाव संबंधी प्रक्रिया प्रारंभ किया गया. तथा संयुक्त ग्रामसभा संघर्ष समिति इस पर प्रतिवाद जताया जा चुका है इसी क्रम में 12 ग्राम सभा के माझी बाबा एवं मुंडा ने एकदिवसीय भूख अनशन पर बैठे. उनका साथ देने के लिए विभिन्न ग्रामसभा के माझी बाबा तोरोप परगना, देश परगना एवं मुंडा मानकी ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्र में राज्य सरकारों द्वारा सामान्य कानून लागू किया जा रहा है जो घोर आपत्तिजनक है. अनुसूचित क्षेत्र के शहरी इलाकों में पेसा के तहत प्रशासनिक व्यवस्था किया जाए जब तक कि पांचवी अनुसूची क्षेत्र के लिए नगर पालिका अधिनियम संसद में बन नहीं जाता.

पूर्वी सिंहभूम के जिला प्रशासन के माध्यम से मांग पत्र मुख्यमंत्री को दिया गया

मांग पत्र में निम्नलिखित मांग रखी गई

1. राष्ट्रपति भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची के पैरा 6 के उप पैरा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुसूचित क्षेत्र झारखंड आदेश 2007 द्वारा पूर्वी सिंहभूम को अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है.

2. झारखंड सरकार नगर विकास विभाग अधिसूचना अधि. स. 8/गठन/110/2016 नगर विभाग 5460 रांची, दिनांक 23.8.2007 इस के संदर्भ में कहना है कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र में नगर निगम नगर पंचायत या परिषद के लिए अधिसूचित नहीं है. यह सामान्य क्षेत्रों के लिए है. अनुसूचित क्षेत्र में प्रावधान है उसके दृष्टिगत नहीं है अतः सामान्य क्षेत्र का कानून झारखंड राज्य नगरपालिका अधिनियम 2000, संशोधन अधिनियम 2006, 2011 और 2020 अनुसूचित क्षेत्र में लागू नहीं होती है.

3. संविधान के अनुच्छेद 244 में पांचवी अनुसूचित वाले क्षेत्र में यह व्यवस्था है कि किसी भी कानून को क्षेत्र में लागू करने के पूर्व राज्यपाल इसे आदिवासी सलाहकार परिषद को भेजकर अधिसूचित जनजातियों पर उसके दुष्प्रभाव का आकलन करवाएंगे और तदनुसार कानून में फेरबदल कर उसे लागू किया जाएगा. मानगो के 12 मौजा के ग्रामीण क्षेत्र में नगरीय क्षेत्र में संक्रमण क्षेत्र के लिए नगर निगम चाहे किसी भी नाम से जाना जाता हो के संबंध में ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल द्वारा अनुसूचित क्षेत्र एवं अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सामाजिक दुष्प्रभाव का आकलन संबंधी कार्यवाही झारखंड द्वारा कभी नहीं करवाई गई है. जबकि सच्चाई है कि मानगो क्षेत्र के उक्त 12 मौजा में शत-प्रतिशत भूमिका राजस्व अभिलेख आदिवासियों के नाम पर दर्ज है तथा s.a.r. कोर्ट के द्वारा इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों भू धारकों/ भू स्वामी का भू वापसी का आदेश माननीय न्यायालय द्वारा जारी किया गया है.

प्रस्तावित निगम बोर्ड का गठन जिस आबादी को आधार मानकर परिसीमन किया जा रहा है वह छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट का उल्लंघन कर आबादी बसी हुई है.

4. भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 भाग य ग में प्रावधान है कि इस विभाग का कतिपय क्षेत्र को लागू ना होना (1) इस भाग को कोई बात अनुच्छेद 244 के खंड 1 में निर्देशित अनुसूचित क्षेत्र और इसके खंड 2 में निर्दिष्ट जनजाति क्षेत्र को लागू नहीं होगी अर्थात नगर निगम नगर पालिका का गठन अनुसूचित क्षेत्र में नहीं किया जा सकता है.

5. भारतीय संविधान के 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 संसद द्वारा पंचायत का गठन एवं विस्तार को संवैधानिक दर्जा दिया अनुसूचित क्षेत्र पांचवी अनुसूची में विस्तार के लिए संसद द्वारा पेसा पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार अधिनियम 1996 कानून बनाया गया.
वैसे ही भारतीय संविधान के 74 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 1992 संसद द्वारा नगर पालिका का गठन एवं विस्तार को संवैधानिक दर्जा दिया गया परंतु अनुसूचित क्षेत्र में इसका विस्तार एवं गठन हेतु अभी तक संसद द्वारा कोई भी अधिनियम/कानून नहीं बनाया गया है.

6. शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी दिया गया है कि अब तक अनुसूचित क्षेत्रों पर नगरपालिका विस्तार किया गठन से संबंधित किसी प्रकार का अधिनियम या कानून ससंद के द्वारा अभी तक नहीं बना है. इससे जाहिर है कि झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र में नया नगर पालिका नया नगर निगम का गठन असंवैधानिक है. अर्थात गैरकानूनी है. इसलिए असंवैधानिक रूप गठित मानगो नगर निगम का गठन वार्ड का परिसीमन चुनाव तथा आरक्षण सभी गलत है.

अतः 12 मौजा के लोग आदिवासी माननीय मुख्यमंत्री से अपेक्षा करते हैं कि मानगो नगर निगम के गठन एवं चुनाव अविलंब रद्द करें. अन्यथा कोल्हान में पांचवी अनुसूचित अनुसूची के मूल आत्मा को बचाने के लिए आदिवासी समुदाय आंदोलन के लिए बाध्य होगा.

अनशन पर बैठे माझी बाबा
दीपक मुर्मू, कैलाश बिरुवा, रमेश मुर्मू, सूरज बास्के, सनातन टुडू, दुर्गा मुर्मू, दुर्गाचरण बारी, कृष्णा हसदा, मंटू मुर्मू, मंगल मुर्मू, कार्तिक मार्डी, चमन सोरेन, वीरेंद्र मुर्मू।
मंच संचालन- मदन सोरेन ।

मुख्य वक्ता
राजू मुरमू, हरिपदा मुर्मू, लेदम किस्कू, मदन सोरेन, डेमका सोय, कुमार चंद्र मार्डी, दीपक रंजीत, सुनील हेम्ब्रम, संतो मुर्मू, रायमुल, सोमनाथ पाड़ेया, कृष्णा लोहार, युवराज टुडू, संखो मुर्मू, बुधराम बेसरा, इन्द्र हेम्ब्रम , कृष्णा लोहार।

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