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देवनद-दामोदर नद प्रदूषण समीक्षा अभियान के दूसरे दिन यात्रा दल ने किया धनबाद के कतरी नदी का भ्रमण

रांची/जमशेदपुर: देवनद-दामोदर नद प्रदूषण समीक्षा अभियान के दूसरे दिन सोमवार को दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रणेता और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के नेतृत्व में यात्रा दल ने धनबाद जिला के कतरास में सूर्य मंदिर घाट के समीप कतरी नदी का भ्रमण और निरीक्षण किया। नदी और सूर्य मंदिर घाट का अवलोकन करने के पश्चात श्री राय ने कहा कि अनियंत्रित एवं बेतरतीब शहरीकरण के कारण शहरी मल-जल विभिन्न मुहल्लों के दर्जनों नालों के माध्यम से यह दामोदर नद में मिल जाता है, जिसके कारण नद को प्रदूषित और बीमार कर रहा है। आज नगरीय प्रदूषण के कारण दामोदर नद दूषित एवं मलिन पानी और कुड़ों का संवाहक बनकर रह गयी है। सरकारी योजना में अनियमितता, मानवीय लालच और कैचमेंट क्षेत्र का अतिक्रमण होने के कारण कतरी नदी नाला में तब्दील हो गया है। धनबाद नगर निगम, अतिक्रमणकारियों और भ्रष्ट अधिकारियों के समूह द्वारा कतरी नदी को मारने का प्रयास किया जा रहा है, उसे जिंदा ही अवैध भवनों के नीचे दफन करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हमें राज्य की सभी नदियों को उसके मूल स्वरूप में लाने का भागीरथी प्रयास करना होगा। यह केवल जन-जागरूकता और नदी में अपना कचरा नहीं फेंकने के संकल्प के द्वारा ही पूर्ण हो सकता है।
इसके बाद अभियान दल बोकारो जिला के चन्द्रपुरा स्थित दामोदर और जमुनिया नदी के संगम स्थल पर पहुंचकर उसका निरीक्षण किया। श्री सरयू राय ने चन्द्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन के प्रोजेक्ट हेड सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ बोकारो में व्याप्त जल एवं वायु प्रदूषण के संदर्भ में बैठक की। अधिकारियों ने यात्रा दल को बताया कि उनकी कंपनी औद्योगिक बहिसा्रव के रि-साईक्लिंग योजना पर काम कर रही है। शहरी मल-जल को सीधे नदी में गिरने से रोकने के लिए कंपनी द्वारा तीन सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जायेगा। तीनों सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट अगले 15 माह में बनकर तैयार हो जायेगा। चौथा प्लांट राज्य सरकार द्वारा डोरिया नाला पर बनाया जायेगा। उक्त कार्य के सम्पन्न होने पर चन्द्रपुरा औद्योगिक एवं नगरीय प्रदूषण से मुक्त हो जायेंगे।
यात्रा दल ने जोड़िया पूल का निरीक्षण किया, निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि पुल के एक तरफ से डीवीसी कॉलोनी का गंदा पानी और दूसरी ओर से चंद्रपुरा पंचायत का गंदा पानी दामोदर में गिरकर उसे और दूषित कर रहा है। दामोदर यात्रा के संयोजक, डॉ. एम.के. जमुआर ने बताया कि अतिक्रमण के कारण विशाल दामोदर नद एक संकरी नाला के रूप में तब्दील हो गयी है। इसी तरह अभियान दल ने फुसरो स्थित ढोरीखास क्षेत्र का निरीक्षण किया तो पाया कि फुसरो आवासीय क्षेत्र का सारा कचरा, मल-जल दामोदर नदी में बेरोक-टोक बहाया जा रहा है। यहाँ से कुछ ही दूरी फिल्ट्रेशन प्लांट है, जिससे पूरे शहर में जल की आपूर्ति की जाती है। प्लांट का निरीक्षण करने पर पाया गया कि दूषित जल को केवल फिटकरी और क्लोरीन से परिशोधन किया जाता है, जिससे fecal कचरा साफ नहीं हो पाता है, जिसके कारण कई बीमारियां लोगों को होती है।
बेरमो रेलवे स्टेशन के निकट गोदो नाला पर पहंुचने पर स्थानीय निवासी और मछुआरों ने दल को बताया कि लगभग 5 दिन पूर्व तेनुघाट से पानी छोड़ा गया था, यहाँ भी पानी को साफ करने की व्यवस्था का अभाव था। अभियान दल ने जरीडीह बाजार के पास कोनार और दामोदर के संगम स्थल, कथारा वाशरी और बीटीपीएस का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में पाया गया कि काथारा कोल वाशरी का रिजेक्ट प्लांट की स्थिति ठीक नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों ने अभियान दल को बताया कि कथारा वाशरी और बीटीपीएस का छाई सीधे नदी में बहा दिया जाता है, जिसके कारण नदी का जल अत्यधिक दूषित हो गया है, छाई के कारण नदी भी भर गई है और जलीय जीव समाप्ति की ओर है। श्री राय ने कहा कि यहाँ पर क्लोज सर्किट और पानी की रि-साईक्लिंग संयंत्र के अधिष्ठापन हेतु बीटीपीएस से आग्रह किया जायेगा।
यात्रा दल में संयोजक डॉ. एम.के. जमुआर, दामोदर बचाओ आंदोलन के संयोजक, प्रवीण सिंह, बोकारो जिला संयोजक, सुरेन्द्र सिन्हा, बेरमो संयोजक, डॉ. प्रह्लाद वर्णवाल, युगांतर भारती के कार्यकारी अध्यक्ष, अंशुल शरण, समाज सेवी उदय सिंह, श्री अमेय विक्रमा, धर्मेंन्द्र तिवारी, मुकेश कुमार, मुकेश सिंह, राहुल मुंडा आदि शामिल थे।

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