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JamshedpurJharkhand

जोखिमपूर्ण स्थितियों में रहने वाले बच्चों और प्रभावित क्षेत्र का आकलन को लेकर संवर्धन-ll का शुभारंभ समारोह

पटमदा के गोबरघुसी स्थित बाल कल्याण संघ आश्रम में आयोजित किया गया समारोह

संवर्धन कार्यक्रम -II जिले के लिए मील का पत्थर साबित होगा : अर्जुन मुंडा

बाल अधिकार को संरक्षित व संवर्धित करना समाज के हर वर्ग की जिम्मेदारी- श्री विधुत वरण महतो

जमशेदपुर। पटमदा प्रखंड के गोबरघुसी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, द एशिया फाउंडेशन, जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम एवं बाल कल्याण संघ द्वारा आयोजित संवर्धन कार्यक्रम -II का शुभारंभ समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी श्री सूरज कुमार ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चे इस तरह की घटनाओं का ज्यादा शिकार होते हैं। हमारा प्रयास होगा कि वैसे चुनौतीपूर्ण माहौल में रहने वाले बच्चों को पहले ही चिन्हित करें एवं उन्हें व उनके परिवार को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन की ओर से हर स्तर पर मदद करके सम्वर्धन-ll कार्यक्रम के बेहतर परिणाम देने की कोशिश करूंगा, जिले के प्रत्येक पदाधिकारी इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे । विकट परिस्थितियों में रहने वाले
बच्चों को चिन्हित करने में सरकार का सहयोग करेंगे ताकि प्रत्येक बच्चों को उनका अधिकार एवं सुरक्षा मुहैया कराया जा सके ।

कार्यक्रम का विषय प्रवेश करते हुए बाल कल्याण संघ के सचिव श्री संजय कुमार मिश्र ने कहा कि यह कार्यक्रम कोरोना काल में बच्चों के मानव तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह की समस्या को देखते हुए एवं उनके रोकथाम एवं उनका संरक्षण करने हेतु तैयार किया गया था। उसी आलोक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मार्गदर्शन में पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन के सहयोग से आज संवर्धन -ll कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कठिन परिस्थिति व जोखिम के परिस्थिति में रहने वाले प्रत्येक बच्चों को गांव स्तर पर चिन्हित किया जाएगा और चिन्हित किए गए बच्चों को सरकार के द्वारा संचालित 34 प्रकार के कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा ताकि इन बच्चों को तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह जैसी समस्याओं से बचाया जा सके और उनके जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने में सहयोग किया जा सके। इस कार्य में जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर एवं गांव स्तर के स्टेकहोल्डर्स का सहयोग अपेक्षित है ताकि इस प्रक्रिया में सही डांटा का संकलन किया जा सके और उन बच्चों को उनका लाभ दिया जा सके।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने जिले एवं राज्य के उन बच्चों का बेहतर देखभाल करने का प्रयास कर सकते हैं जो बच्चे कल किन्हीं विकट परिस्थिति में जाने की संभावना में है । संवर्धन कार्यक्रम का सुखद प्रभाव हम ने पूर्व में खूंटी जिला में देखा जहां 3000 से अधिक बच्चों को चिन्हित किया गया और उन परिवारों को सरकार के द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का सफल प्रयास किया गया । आज इस कार्यक्रम का पूर्वी सिंहभूम जिले में किया जाना एक मील का पत्थर साबित होगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम प्रत्येक बच्चों को चिन्हित कर उन्हें सरकार के द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का सफल प्रयास करेंगे जिससे कि इन बच्चों के बचपन और ऐसे परिवार जो समाजिक व आर्थिक रूप से उपेक्षित है, पीड़ित है वंचित है उन परिवारों को समाज के मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करेंगे ताकि हमारा समाज एक सशक्त समाज बन सके। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थिति में रह रहे बच्चों को निकालना और मुख्यधारा से जोड़ना हम सबका पहला दायित्व है ।

सांसद श्री विद्युत वरण महतो ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे जिले के लिए काफी महत्वपूर्ण है । हमारे राज्य और जिला के बच्चे का किसी भी तरह का शोषण नहीं हो बल्कि वह शोषण रहित वातावरण में रहे और पढ़ लिख कर एक अच्छा इंसान बने यह हमारा प्रयास है। बाल कल्याण संघ के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, भारत सरकार, द एशिया फाउंडेशन नई दिल्ली और जिला प्रशासन पूर्वी सिंहभूम का सामूहिक प्रयास सराहनीय है ।इस तरह के प्रयास से जिले के बच्चों को नया मुकाम मिलेगा और बच्चों को खतरे की स्थिति में जाने से बचाया जा सकेगा साथ ही इस तरह के परिवार जो कठिन परिस्थिति में जीवन बसर कर रहे हैं उन परिवारों को सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना बहुत ही सराहनीय कार्य है ।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के माननीय सदस्य रोजी ताबा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से हम जहां बच्चों को उनके अधिकार को सुनिश्चित करा रहे हैं वहीं उन बच्चों को आगे बढ़ने लिए भी मदद कर रहे हैं । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर काफी संवेदनशील है। झारखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाना और बच्चों के विषय में इस तरह गंभीर चर्चा जिले व राज्य के लिए सुखद है । इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण को बेहतर करने का प्रयास है।

एशिया फाउंडेशन की कंट्री हेड श्रीमती नंदिता बरुआ ने कहा कि बच्चों के अधिकार को लेकर जनजागरूकता लाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। द एशिया फाउंडेशन इस कार्य हेतु हरसंभव मदद करेगा ताकि बच्चों का चयन प्रक्रिया सही तरीके से किया जा सके और जिले के प्रत्येक बच्चों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ मिल सके।

संवर्धन कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर खूंटी जिला में किया गया संवर्धन कार्यक्रम – 1 के रिपोर्ट का विमोचन किया गया ।संवर्धन कार्यक्रम -II की रूपरेखा एवं पृष्ठभूमि की जानकारी श्री प्रमोद कुमार वर्मा ने पीपीटी के माध्यम से सभी उपस्थित सदस्यों को दिया । इस मौके पर खूंटी जिला के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अल्ताफ खान को संवर्धन-I में बेहतर कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया एवं जिले में बाल अधिकार एवं संरक्षण पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पदाधिकारियों जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, अंचक अधिकारी पटमदा को प्रशस्ति पत्र एवं अंग वस्त्र देकर मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिले के उप विकास आयुक्त श्री परमेश्वर भगत, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती सत्या ठाकुर, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ. चंचल कुमारी, बाल कल्याण समिति के सदस्य, प्रखंड विकास पदाधिकारी पटमदा/बोड़ाम/घाटशिला/धालभूमगढ़/चाकुलिया/डुमरिया व सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।

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