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जेटेया पुलिस ने राईका गांव में चलाया सर्च अभियान, बोलेरो व बाइक किया जप्त

चाईबासा । नक्सल प्रभावित राईका गांव में जेटेया थाना पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ विशेष सर्च अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान पुलिस को विशेष सफलता हाथ नहीं लगी। जबकि राईका गांव निवासी काशी नाथ दिग्घी ने जेटेया थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुये बताया की पुलिस हमारे घर में जबरन घूसकर घर में रखे 40 हजार रुपये नकद, काला रंग का पुराना बोलेरो, लाल रंग का होंडा साइन मोटरसाइकिल, एक मोबाइल फोन, बैग आदि समान को बिना किसी कारण के जब्त कर अपने साथ ले गई। घटना के समय उसकी पत्नी घर पर थी जिसके साथ भी पुलिस ने गलत बर्ताव किया। काशी नाथ दिग्घी स्वंय दौड़कर जंगल में भागे और पुलिस से अपने आप को बचाया। एक सवाल के जबाब में उसने बताया कि वह विधायक निधि से पीसीसी सड़क का निर्माण करवा रहा था, उसी कार्य में लगे मजदूरों को देने के लिए पैसा रखा हुआ था। कुछ लोगों से उधार मांगकर अपने घर में 40 हजार रुपया रखे हुए थे। उसने बताया कि काले रंग की बोलेरो गाड़ी उसके साथी चम्पुआ निवासी पद्म लोचन महंता का है, उससे मांग कर गाड़ी लाए थे। जिसे पुलिस अपने साथ ले गई। उसने बताया कि उसके खिलाफ नोटबंदी के दौरान नक्सलियों का पैसा बैंक से बदलने का एक झूठा आरोप लगाते हुए पुलिस ने उस पर केस दर्ज कराया था। आज भी उस पर केस चल रहा है। उसमें हमारे खिलाफ कोई वारंट भी नहीं है। नोटबंदी के दौरान लेबेया सूंडी नाम के एक शिक्षक नोवामुंडी में पैसा बदली करने गए थे जिसे पुलिस ने पकड़ लिया था उसी ने किसी दबाब में आकर मेरा नाम बता दिया। जिस कारण मेरे उपर केस दर्ज कर लिया गया। काशीनाथ दिग्घी ने बताया कि वह वर्ष 1993-94 से ठेकेदारी कर रहा है। स्वंय व पत्नी के नाम से प्रखंड कार्यालय से आवास योजना स्वीकृत कराया था। आवास योजना व स्वंय का पैसा मिलाकर अपना अच्छा घर गांव में बनाया है। लेकिन पुलिस कहती है कि घर बनाने में भी नक्सलियों का पैसा लगा है। पुलिस नक्सलियों के नाम पर ग्रामीणों की भी पिटाई कर रही है। कई युवक तमिलनाडु व अन्य शहरों में पलायन कर चुके हैं। अगर ऐसा होते रहा तो हम सभी कहां जायेंगे। हमारा नक्सलियों के साथ कोई संबंध नही है। हम अन्य ग्रामीणों को भी समझाते हैं कि वह गलत रास्ते पर नहीं जाये। हमारे खिलाफ कोई मामला है तो पुलिस बताये, हम न्यायायिक शरण में जायेंगे। दूसरी तरफ जेटेया थाना प्रभारी विपिन चन्द्र महतो ने कहा कि काशीनाथ दिग्घी के घर पास से एक बोलेरो व एक मोटरसाइकिल थाना लाया गया है। बाकी 40 हजार रुपये व अन्य सामाने लेने, पत्नी व अन्य ग्रामीणों के साथ गलत बर्ताव करने का आरोप गलत है। उसे फोन कर कई बार थाना आने को कहा गया था। वह आज तक नहीं आया। कुछ जरूरी पूछताछ करनी है। उल्लेखनीय है कि राईका गांव अत्यन्त नक्सल प्रभावित है।

कुछ वर्ष पूर्व इसी गांव में 25 लाख रूपये का इनामी कुख्यात नक्सली संदीप दा के साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें संदीप अपने साथियों के साथ बच निकला था। बाद में उसे फुटबॉल मैच के दौरान जेटेया मैदान से गिरफ्तार किया गया था। पिछले दिनों परमबालजोड़ी व मेरेलगड़ा मैगजीन (विस्फोटक) हाऊस को नक्सलियों ने लूट लिया था। इसमें कहा गया था कि भारी मात्रा में लूटे गये विस्फोटकों को राईका गांव के रास्ते हीं नक्सली लेकर अन्यत्र गये हैं। राईका गांव में नक्सलियों की गतिविधियां निरंतर रहती है। जिस कारण ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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