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जीवन का मकसद संगत और गुरु घर की सेवा : मंटू


जमशेदपुर। साकची गुरुद्वारा कमेटी प्रधान पद के लिए नामांकन करने के उपरांत कार्यकारी प्रधान हरविंदर सिंह मंटू ने कहा कि उनके जीवन का मकसद ही संगत और गुरु घर की सेवा करना रहा है।
संगत का आशीर्वाद एवं सहयोग ने पंथ के काम के लिए हमेशा प्रेरित किया और वह इस काम में अपना पूरा जीवन लगा चुके हैं। उनके अनुसार कुर्सी को सेवा का माध्यम माना है। उनके अनुसार 20 अप्रैल 2017 में जिम्मेदारी ली और कार्यकाल पूरा होने से पहले 18 मार्च 2020 को आम सभा बुलाकर कमेटी भंग कर दी। मौके की प्रधानगी चेयरमैन गुरदीप सिंह राजा ने की थी और उन्होंने इस्तीफा अस्वीकार कर चुनाव होने तक कार्यकारी प्रधान के तौर पर काम करने को कहा। उस बैठक में 300 के करीब संगत उपस्थित थी। 24 मार्च 2000 को लॉक डाउन लग गया और एसडीओ से चुनाव के लिए लिखित अनुमति मांगी गई परंतु अस्वीकार कर दिया गया।
कार्यकारी कमेटी के आग्रह पर ही चेयरमैन गुरदेव सिंह राजा ने स्थिति सामान्य होते ही चुनावी प्रक्रिया शुरू की और इसका सभी की ओर से स्वागत किया जाना चाहिए।
अपने 3 साल के कार्यकाल का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 10 एसी कमरों का निर्माण करवाया, गुरुद्वारा में पाइप लाइन और टॉयलेट का काम हुआ, गुरुद्वारा एवं दरबार साहब का सौंदर्यीकरण हुआ । स्कूल में कंप्यूटर लगाए गए और सौंदर्यीकरण करवाया गया। 105 फुट ऊंचा हाइड्रोलिक निशान साहिब लगाया गया पालकी साहिब की सेवा हुई। डियोढी साहब के रास्ते के दोनों किनारे पेबर ब्लॉक बिछाए गए।
जब चार्ज लिया उस समय 26 लाख रुपए की परिसंपत्ति थी जो अब ₹68 लाख हो चुकी है।
हरविंदर सिंह मंटू के अनुसार कोविड के कारण दो साल विकास का कोई काम नहीं हो सका। क्योंकि कमेटी के पास नैतिकता के आधार पर किसी प्रकार का फैसला लेने का अधिकार नहीं था।
नामांकन के दौरान उन्होंने वायदा किया कि संगत के आशीर्वाद से अगले कार्यकाल में सप्ताह में दो दिन गुरमुखी क्लास शुरू करेंगे, मॉडर्न स्कूल को मान्यता दिलवा देंगे और इसके लिए हाइवे में जमीन देख चुके हैं। दरबार हॉल में एसी लगाने का काम शुरू हो चुका है और गरीब सिख परिवार के बच्चों को निशुल्क पढ़ाई की सुविधा होगी तथा कन्या की शादी में लंगर हाउस तथा कीर्तन की निशुल्क व्यवस्था होगी तथा मेडिकल इंजीनियरिंग कर रहे विद्यार्थियों को अनुदान की व्यवस्था शुरू की जाएगी।
इसके पहले बोले सो निहाल जयकारा तथा वाहेगुरु नाम सिमरन के साथ सभी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के सामने मत्था टेक नतमस्तक हुए और वहां बाबा करतार जी ने अरदास की।
इस दौरान उनके साथ गुरुदेव सिंह राजा, दलबीर सिंह, अजीत सिंह गंभीर, दीपक गिल, आजाद कच्छप , दलवीर सिंह गोल्डी, नरेंद्र सिंह निंदी, रिक्की सिंह, कश्मीरा सिंह गोल्डी, जागीर सिंह, सतनाम सिंह गंभीर, राजपाल सिंह, अमन कंडियार, जगदीप सिंह, राजपाल सिंह, एसपी काले, गुरचरण सिंह, जविंदर सिंह पोली, रविंदर सबलोक, हनी सिंह, सुरजीत सिंह कपूर, जसप्रीत कपूर, जसबीर सिंह राजा, गुरप्रीत सिंह प्रिंस, पप्पी बाबा, रॉकी सिंह, सतपाल सिंह, सरबजीत सिंह टॉबी, मनजीत सिंह छोटू, सुरिंदर सिंह बॉबी, सोनू अरोड़ा, अमरजीत सिंह, भूपिंदर सिंह कच्छप, हैप्पी सिंह, रौनक सचदेव, मनदीप सचदेव, गुरदीप सिंह डांग, पवनदीप सिंह, हरजीत सिंह, उधम सिंह आदि शामिल थे।

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