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चाईबासा कोल्हान विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की बैठक आयोजित, शहर के कॉलेजों में पदस्थापित शिक्षकों का होगा तबादला, जरूरत के अनुसार 50 सीटें बढ़ा सकेंगे कॉलेज

जमशेदपुर. कोल्हान विश्वविद्यालय की सिंडिकेट मीटिंग मंगलवार को आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गंगाधर पांडा ने की. इसमें विश्वविद्यालय और कॉलेजों से जुड़े विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए स्वीकृति प्रदान की गयी. साथ ही कई निर्णय लिये गये. बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार जमशेदपुर स्थित अंगीभूत कॉलेजों में पदस्थापित शिक्षकों का तीन साल में तबादला होगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा को हरी झंडी दे दी गयी. इसे लेकर एक कमेटी का गठन किया गया, जिसमें सभी डीन को सदस्य बनाया गया है. इसके अलावा एकेडमिक काउंसिल द्वारा सप्ताह में 5 दिन के लिए वर्क डे करने के निर्णय को वापस एकेडमिक काउंसिल के पास भेज दिया गया. इस पर दोबारा विचार विमर्श कर काउंसिल को रिपोर्ट देने की बात कही गयी. बीते सोमवार को एकेडमिक काउंसिल की बैठक में सप्ताह में पांच दिन ऑफिस चलाने का निर्णय लिया गया था. बैठक में सिंडिकेट सदस्य राजेश शुक्ला, जेबी तुबिद, वित्त पदाधिकारी डॉ पीके पाणी, कुलसचिव डॉ जयंत शेखर समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे. राजेश शुक्ला ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय में कार्यरत वैसे कर्मचारी जो एजेंसी के तहत हैं उन्हें दीपावली से पहले बकाया भुगतान कराया जाए. उनके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए दीपावली से पहले सभी एजेंसी का बकाया भुगतान तथा कर्मचारियों का भुगतान करने का निर्णय लिया गया. राज्य सरकार के पत्र के आलोक में अक्टूबर 2021 से जिनका सातवें वेतनमान के आधार पर सैलरी फिक्स हुआ है, उन्हें पेंशन उसी आधार पर मिलेगा. एरियर का भुगतान फंड की स्थिति के अनुरूप बाद में किया जायेगा. कोल्हान विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त शिक्षक जो पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं उन्हें 3 साल तक ही सेवा देनी होगी. 3 साल के बाद उन्हें वापस अपने कॉलेज में योगदान देना अनिवार्य होगा. यह अवधि योगदान तिथि से जोड़ा जायेगा. वैसे शिक्षक जो जमशेदपुर के कॉलेज में कार्यरत हैं, उन शिक्षकों को 3 साल बाद स्थानांतरण करना अनिवार्य है बैठक में मुख्य रूप से सिंडिकेट के वरिष्ठ सदस्य राजेश शुक्ला, जेबी तुबिद, डॉ पीके पाणी, डॉ जयंत शेखर समेत काफी संख्या में सिंडिकेट सदस्य उपस्थित थे.
वर्तमान में चल रही नामांकन प्रक्रिया में वैसे कॉलेज जहां सीट की जरूरत है वह अपने हिसाब से 50 सीट बढ़ा सकते हैं. इसके लिए उन्हें कारण बताना होगा. फाइनेंस कमिटी द्वारा पारित कॉलेजों में किताबों की खरीद को लेकर सिंडिकेट ने अंतिम मुहर लगाते हुए किताब खरीदने की स्वीकृति दे दी.

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