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कोविड प्रबंधन हेतु गठित उच्चस्तरीय टीम-09 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश

जमशेदपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 24 करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है, साथ ही 9 करोड़ 72 लाख से अधिक सैम्पल की जांच भी हो चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टेस्टिंग-टीकाकरण है। हमारे स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्करों, निगरानी समितियों, स्थानीय प्रशासन और जिन्होंने उत्साह के साथ टीकाकवर लिया, सभी का अभिनन्दन। कोरोना की हार तय है।

प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 96% से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। 62% से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। विगत दिवस तक 15-17 आयु वर्ग के लगभग 48℅ किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और 45% से अधिक पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। अब हम औसतन 25 लाख लोगों को हर दिन टीकाकवर दे रहे हैं, इस क्षमता को बढ़ाकर 30 लाख दैनिक किया जाए। टीकाकरण में धीमी गति वाले जिलों से संवाद बनाएं। यहां विशेष प्रयास किए जाने की जरूरत है।

विगत 24 घंटों में 02 लाख 47 हजार 845 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 18,554 नए कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसी अवधि में 19,328 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की 97 हजार 329 है। यह संक्रमण वायरल फीवर की तरह है। अतः इससे डरने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सभी एहतियात अवश्य बरते जाएं।

23 जनवरी को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के व्यवस्थित आयोजन के लिए सभी तैयारियों की परख कर ली जाए। यदि कोई कोविड पॉजिटिव अभ्यर्थी परीक्षा देने का इच्छुक है तो उसके लिए पृथक कक्ष की व्यवस्था दी जाए। हर केंद्र पर एक कोविड केयर सेंटर स्थापित रहे।

शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की शुचिता के दृष्टिगत सुरक्षा सभी आवश्यक बंदोबस्त किए जाएं। पर्चा लीक जैसी घटना कतई स्वीकार्य नहीं होगी। किसी अव्यवस्था अथवा अप्रिय घटना के लिए संबंधित जिलाधिकारी, बीएसए, परीक्षा केंद्र प्रभारी, सभी की जिम्मेदारी तय होगी। संदिग्ध/अराजक तत्वों पर नजर रखी जाए।

आगामी सप्ताह में प्रस्तावित प्रदेशव्यापी डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का विधिवत प्रशिक्षण कराया जाए। अपनी निगरानी समितियों के सहयोग से हमने पिछली लहर में घर-घर स्क्रीनिंग का कार्य किया, जिससे कोविड नियंत्रण में सहायता मिली। इस बार भी ऐसे ही प्रयास की जरूरत है। इस कार्यक्रम में निगरानी समितियां/स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचें। लक्षणयुक्त लोगों की पहचान करें। जरूरत के अनुसार टेस्ट कराएं। और हर संदिग्ध मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। अपूर्ण टीकाकवर वाले लोगों की सूची तैयार करें।

सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से अस्पताल में उपचाराधीन कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए। होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाए।

प्रत्येक जिले में कम से कम एक बड़ा अस्पताल डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में आरक्षित किया जाए। अन्य अस्पताल नॉन कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध रहें।

इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स पूर्णतः सक्रिय रहें। जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ की नियमित बैठक आईसीसीसी में ही हो। होम आइसोलेशन के मरीज, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलिकन्सल्टेशन के लिए पृथक-पृथक नम्बर जारी किए जाएं। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

मुफ्त खाद्यान्न वितरण का कार्य सुचारु रखा जाए। एक भी पात्र राशन से वंचित न रहे। रैन बसेरों में मुसाफिरों, निराश्रितों की सुविधाओं/जरूरतों का ख्याल रखें। गौ-आश्रय स्थलों पर ठंड से बचने के लिए अलाव और चारे आदि की उपलब्धता रहे।

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