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एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट फ्लिपकार्ट के अलावा ऐमजॉन को भी भेजे नोटिस : सुरेश सोंथालिया

जमशेदपुर। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा फ्लिपकार्ट को भेजे गए नोटिस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा की यह एक बहुप्रतीक्षित सही कदम है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेश सोन्थालिया ने कहा की अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों अपने-अपने मार्केटप्लेस पर अपने पसंदीदा विक्रेता प्रणाली का संचालन कर रहे हैं जो ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के नियमों के खिलाफ है जिसके लिए कैट एक लम्बे समय से अपनी आवाज उठा रहा था । उन्होंने कहा की हम प्रवर्तन निदेशालय से अमेज़न को भी इसी तरह का नोटिस भेजने की मांग करते हैं क्योंकि अमेज़न और फ्लिपकार्ट दोनों ही एक ही नाव में सवारी कर रहे हैं !

श्री खंडेलवाल और श्री सोन्थालिया दोनों ने ईडी के इस कदम का स्वागत किया और कहा कि अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट द्वारा वर्ष 2016-2021 की अवधि के बीच सरकार के कानूनों के उल्लंघन की जांच की जानी चाहिए।
कैट ने कहा कि ईडी को केवल भारी जुर्माना ही नहीं लगाना चाहिए, बल्कि सरकार को अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों के पोर्टलों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश करनी चाहिए जब तक कि वे एफडीआई कानूनों का अक्षरशः पालन नहीं करते।

श्री सोन्थालिया ने कहा की फ्लिपकार्ट के मामले में डब्ल्यूएस रिटेल कम्पनी का स्वामित्व सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों के पास था और यही कम्पनी फ्लिपकार्ट के कारोबार का के एक बड़े हिस्से के द्वारा बेच रहा था जबकि अमेज़ॅन के मामले में ज्यादातर सामान क्लाउडटेल और अप्पारियो द्वारा बेचा जा रहा है जहां अमेज़ॅन की इक्विटी हिस्सेदारी है। चूंकि दोनों ही मामलों में बेचने वाली पार्टियां मार्केटप्लेस की संबंधित कंपनियां हैं, इस वजह से अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों ने ई-कॉमर्स कानून में एफडीआई का उल्लंघन किया है।

सोन्थालिया ने कहा कि ई-कॉमर्स नीति में एफडीआई के तहत विदेशी वित्त पोषित कंपनियां केवल प्रौद्योगिकी सुविधा प्रदान करने वाले बाज़ार के रूप में कार्य कर सकती हैं और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माल नहीं बेच सकती हैं जबकि ये कंपनियां इन्वेंट्री मोड में भी काम कर रही थीं जो नीति के तहत प्रतिबंधित है और इसलिए ईडी द्वारा नोटिस भेजना किसी भी मायने में गलत नहीं है।

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