वृहद झारखंड आंदोलन को तेज करना होगा : महासभा
जमशेदपुर ; आज दिनांक 24 अक्टूबर 2021 को झारखंड जनतांत्रिक महासभा के बैनर तले बालीगुमा, सुखना बस्ती में झारखंडी बुद्धिजीवी सीताराम शास्त्री का देहदान दिवस के अवसर पर “संकल्प सभा” का आयोजन किया गया.
वक्ताओं ने कहाँ कि सीताराम शास्त्री का अलग झारखंड राज्य आंदोलन में बौद्धिक ढांचा को मजबूत किया था. उन्होंने अपने जीवन मे कई पुस्तकें लिखा उनमे से एक आदिवासी राष्ट्रवाद मुख्य है. अपने जीवन काल में सहनुमान संगठनों के लिए लगभग 10 हजार से ज्यादा पर्चा लिखा था.
झारखंड अलग राज्य आंदोलन के दौरान भी उनका भूमिका अग्रणीय था. उनके बौद्धिक क्षमता के और कुशल नेतृत्व के कारण कई लोग नेता बने.
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद वृहद झारखंड के मांग को मजबूती के साथ रखते थे. उनका कहना था कि झारखंड राज्य तो बन गया लेकिन अभी भी आधा से ज्यादा झारखंडी झारखंड से बाहर रहते है. इसलिए सम्पूर्ण झारखंड या वृहद झारखंड के लिए संघर्ष को तेज करने का हिमायती थे.
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद झारखंडियों का जीवन स्थत कैसे ऊपर उठे इसके लिए वे कृषि आधारित विकास नीति का वकालत करते थे. इसके लिए उन्होंने नारा दिया कि ‘माछ, गाछ, और चास से होगा झारखंड का विकास”. यानी जलउपज, लघु वनउपज और खेती किसानी से ही झारखंडियों का विकास संभव है.
ज्ञात हो कि सीताराम शास्त्री का गले मे कैंसर के बाद 24/10/2012 को आदित्यपुर के समीप ट्रेन के आगे आत्महत्या कर लिया था.
मौके सीताराम शास्त्री के स्मृति में बालीगुमा करम आखड़ा में 5 आम का पौधा भी लगाया गया.
आज के कार्यक्रम में मुख्यरूप से सुनील हेम्ब्रम, दीपक रंजीत, लुटु हो, जयंत लायक, बादल धोरा, कृष्णा हांसदा, दिलीप कुमार महतो, इंद्रजीत महतो, राखल सोरेन,संध्या रानी महतो, स्वेता शशि, मदन महतो, सुषमा रानी महतो आदि लोग मुख्यरूप से उपस्थित थे.