रेडियोलोजी विषय पर आयोजित सेमिनार में शामिल हुए 100 डॉक्टर
जमशेदपुर: बाराद्वारी में इंडियन रेडियोलॉजिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा रेडियोलॉजी से सम्बंधित विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें शहर एवं बाहर से आये 100 से अधिक रेडियोलॉजिस्ट उक्त सेमीनार में शिरकत किये। इस सेमिनार का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, डॉ चंद्रमोहन, डॉ रेणु शर्मा, डॉ अभिजीत गुहा मजूमदार, डॉ नीरज ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने कहा कि इस तरह के सेमिनार होने से देश में इलाज से संबंधित आयी नयी-नयी तकनीक का पता चलता है। इससे डॉक्टर व मरीज दोनों को लाभ होता है एवं रेडियोलॉजी के सम्बंध में देश-विदेश में हो रहे नये परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला जाता है। उक्त सेमीनार में राजस्थान से आयी डॉ रेणु शर्मा ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में आज भी भ्रांति है कि अल्ट्रासाउंड कराने से पेट में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन इससे बच्चे को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती है। बच्चे में होने बीमारी ही नहीं गर्भावस्था की पुष्टि से लेकर आकस्मिक रक्तस्त्राव, क्रोमोसोमल विसंगतियों की जांच, आंवल नाल की स्थिति, अपरिपक्व प्रसव आदि परेशानियों को पता लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रेगनेंसी में महिला के चार अल्ट्रासाउंड ही पर्याप्त हैं। जन्म से पहले भ्रूण (फीटस) में हार्ट, लीवर, किडनी सहित अन्य कई बीमारियों की पहचान व समय रहते उपचार अल्ट्रासाउंड कराने से संभव है। अल्ट्रासाउंड के माध्यम से समय रहते इनका पता लगाया जा सकता है। अल्ट्रासाउंड से कई बीमारियों की पहचान कर प्रसव के बाद नवजात का बेहतर इलाज भी किया जा सकता है। उक्त बातें पहला अल्ट्रासाउंड सात से 10 हफ्ते, दूसरा 12-13 हफ्ते, तीसरा 18-22 हफ्ते और चौथा 32 से लेकर 36 हफ्ते के बीच होना चाहिए। उन्होंने कहा कि थ्री-डी, फोर-डी जैसी एडवांस अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी मां और बच्चे के लिए वरदान से कम नहीं है. इससे गर्भ में पल रहे भ्रूण की बामारियों का बारीकियों से पता लगाया जा सकता है। इसके पहले वहीं सेमिनार में उपस्थित डॉ अभिजीत गुहा मजूमदार ने उपस्थित डॉक्टरों को सोल्डर ज्वाइंट, नी ज्वाइंट सहित अन्य जगहों का एमआरआइ कैसे किया जाये कि उसको रिजल्ट अच्छा आये। इसके बारें में विस्तार पूर्वक बताया। इसके साथ ही देश में एमआरआई की नयी तकनीक जिसको यूज किया जा रहा है उसके बारे में बताया। इस दौरान मुख्य रूप से एसोसिएशन के सचिव डॉ नीरज कुमार सहित जमशेदपुर, रांची, धनबाद सहित अन्य जगहों से लगभग 100 डॉक्टर मौजूद थे।