महिलाओं के लिए सम्मान और समानता का अधिकार की जरूरत : लक्ष्मी सिन्हा
बिहार पटना : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव महिला प्रकोष्ठ लक्ष्मी सिन्हा ने एक कार्यक्रम के संबोधन में कहा कि हमारे देश में एक ओर बेटियों को देवी मानकर पूजा जाता है, वही दूसरी ओर महिलाओं के खिलाफ अपराध का ग्राफ साल_दर_साल बढ़ता जा रहा है। बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने संपत्ति, सम्मान और समानता जैसे कई कानूनी अधिकार दिए हैं। जिसके बारे में महिलाएं जाने_समझे और खुद के लिए आवाज बुलंद करें। सिन्हा ने कहा कि भारत में महिलाओं के वे 11 विशेष अधिकार है, जिनके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए। महिलाओं को समान वेतन मिलने, गरिमा और शालीनता से रहने, मतव्व संबंधी लाभ लेने व मुफ्त कानूनी सहायता पाने के अधिकार है। विवाह के बाद भी अनुकंपा पर नौकरी पाने व पिता_ पति या पुत्र से गुजारा भत्ता लेने के अलावा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत पुश्तैनी संपत्ति पर महिला और पुरुष दोनों का बराबर अधिकार होता है। घरेलू हिंसा, वर्कप्लेस पर हैरेसमेंट, स्टॉकिंग और किसी महिला के शरीर को अश्लील तरीके से दिखाने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इन मामलों में आरोपी को तीन साल की जेल और जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि कोई भी महिला अपने खिलाफ हुए किसी भी तरह के अपराध के लिए देश के किसी भी हिस्से में जीरो एफआईआर के तहत शिकायत दर्ज करा सकती है। कानून के अनुसार रेप पीड़िता की पहचान जाहिर नहीं की जा सकती। अगर कोई विशेष कारण ना हो तो किसी भी महिला को सूरज ढलने के बाद और सूरज ढलने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। गिरफ्तारी के लिए महिला कांस्टेबल का होना अनिवार्य है। ऐसे बहुत से नियम है जो कि महिलाओं को मालूम नहीं है। इसके लिए एक अभियान के तहत गांव गांव में जाकर महिलाओं को जागृत करना चाहिए। ताकि महिला सशक्त हो सके और अपनी लड़ाई लड़ सके।