महाकुंभ मेला-2025 के लिए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने महात्माओं संग किया गंगा पूजन और देव स्थलों का भ्रमण
प्रयागराज ;अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आगामी माघ मेला व महाकुंभ-2025 की सकुशल संपन्नता के लिए मां गंगा की स्तुति की। नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी (श्री निरंजनी अखाड़ा) व महामंत्री महंत हरि गिरि के नेतृत्व में महात्माओं ने मंगलवार की सुबह संगम नोज पर मां गंगा का विधि-विधान से पूजन करके कोरोना महामारी का प्रभाव पूरी तरह से देश-दुनिया से खत्म होने की कामना किया, जिससे माघ मेला व महाकुंभ मेला बिना किसी विघ्न के संपन्न हो सके। इसके साथ ही श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में निर्विघ्न मंदिर निर्माण की कामना के साथ आतंकी हमले में शहीद सेना के जवानों व कोरोना संक्रमण से मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना हुई।
इसके बाद महात्माओं ने किला के अंदर स्थित पवित्र अक्षयवट वृक्ष का दर्शन-पूजन किया। कुछ देर उसके नीचे बैठकर ध्यान लगाया। फिर समुद्र कूप सहित अन्य मंदिरों का दर्शन किया।
महाकुंभ से पहले प्राचीन मठ-मंदिरों का हो जीर्णोद्धार : रविंद्र पुरी
किला से बाहर निकलकर महात्माओं ने लेटे हनुमान जी का दर्शन-पूजन किया। फिर नगर देवता दारागंज स्थित वेणी माधव मंदिर, मां अलोपशंकरी, महर्षि भारद्वाज आश्रम, पांडेश्वर महादेव आदि देव स्थलों पर जाकर दर्शन-पूजन करके जनकल्याण की कामना किया। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ से पहले 2024 तक प्रयागराज स्थित समस्त प्राचीन मठ, मंदिरों का जीर्णोद्धार कराकर आवागमन की व्यवस्था दुरुस्त करने की जरूरत है। इसका प्रस्ताव बनाकर जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया जाएगा, जिससे उसके अनुरूप सार्थक कदम उठाया जा सके। यात्रा में महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि, महंत अमरीक सिंह, महंत प्रेम सिंह, रविशंकर जी महाराज आदि शामिल रहे। उल्लेखनीय है कि महंत नरेंद्र गिरि की 20 सितंबर को संदिग्ध हालात में मृत्यु के बाद सोमवार 25 अक्तूबर को प्रयागराज में आयोजित विभिन्न अखाड़ों की बैठक में महंत रविंद्र पुरी (श्री निरंजनी अखाड़ा) को अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष चुना जबकि हरि गिरि यथावत महामंत्री पद पर बने रहेंगे।