निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन विषय को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित, 10 या 10 से अधिक मानव बल कार्यरत वाले कंपनी, प्रतिष्ठान, मॉल, होटल, निजी स्कूल आदि के प्रतिनिधि हुए शामिल
समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में निदेशक, डीआरडीए श्री सौरभ सिन्हा की अध्यक्षता में झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 पर जिला स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में मुख्य रूप से श्री बम बैजु, नियोजन पदाधिकारी, श्री अजय कुमार, नियोजन पदाधिकारी, घाटशिला, सुश्री प्रियंका भारती, नियोजन पदाधिकारी, श्री अविनाश ठाकुर, श्रम अधीक्षक, श्री अरविन्द कुमार श्रम अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम तथा नियोजन कार्यालय के कर्मी समेत जिले के टाटा ग्रुप ऑफ कम्पनीज के प्रतिनिधि, चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि एवं अन्य प्रतिष्ठानों के लगभग 200 प्रतिनिधि उपस्थित हुये।
कार्यशाला में पावर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से उक्त नियमावली से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही नियमावली के क्रियान्वयन एवं प्रगति पर भी चर्चा की गई। निदेशक, डीआरडीए ने कहा कि उक्त अधिनियम के अन्तर्गत नियोजक की परिभाषा में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों को नियोजनालय में निबंधित होना अनिवार्य है । उन्होंने कहा कि आप सब नियोजकों को स्थानीय उम्मीदवारों से रिक्तियों को भरना होगा। अगर आपके द्वारा यह बताया जाता है कि उच्च कौशल युक्त मानव बल की आवश्यकता है तो उसके अनुरूप सरकार द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित कर मानव बल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अधिनियम के दायरे में आने वाले नियोजकों को पंजीकरण कराने का भी निर्देश दिया गया, जिससे कि इस अधिनियम का अनुपालन कराया जा सके एवं इसका लाभ स्थानीय बेरोजगार युवाओं को मिल सके।
अधिनियम नियम के लागू होने के बाद राज्य अंतर्गत प्रत्येक नियोक्ता (अधिनियम में परिभाषित) द्वारा रुपये 40,000 से अनधिक या सरकार द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित अधिसीमा तक सकल मासिक वेतन या मजदूरी वाले ऐसे पदों जो अधिसूचित होने की तिथि को रिक्त हो एवं उसके उपरांत उत्पन्न कुल रिक्ति का 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित किया जाना अनिवार्य होगा।
*योजना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य -*
• अधिनियम / नियम का विस्तार सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाला कोई व्यक्ति अथवा ऐसी संस्था जिससे सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित की जाय, पर लागू होगी। इसमें केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के उपक्रम शामिल नहीं होंगे, किंतु केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों / उपक्रमों में वाह्यस्रोत से सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू होंगे।
• प्रत्येक नियोक्ता द्वारा स्वंय का अभिहित पोर्टल ( उद्देश्य के क्रियान्वयन हेतु झारखंड रोजगार पोर्टल) पर निबंधन स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2022 की अधिसूचना के 30 दिनों के अंदर करना होगा एवं 40,000/- हजार रूपये तक कुल वेतन पारिश्रमिक या मेहनताना पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी का भी 3 महीनों के अंदर उक्त पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके साथ ही स्थानीय उम्मीदवारों को भी अधिनियम/नियम के अधीन लाभों के उपभोग हेतु स्वयं को अभिहित पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।
• उपरोक्त अधिनियम / नियम के तहत प्रत्येक नई परियोजना प्रारंभ करने वाले नये नियोक्ता परियोजना के प्रारंभ होने के 30 दिन पूर्व प्राधिकृत पदाधिकारी ( इस अधिनियम / नियम के क्रियान्वयन के उद्देश्य के निमित्त घोषित संबंधित जिला के जिला नियोजन पदाधिकारी/नियोजन पदाधिकारी) को उक्त अधिनियम के अधीन आने वाले कर्मचारियों की संख्या को आवश्यक कौशल के साथ स्पष्टत इंगित करते हुए आवश्यक कर्मचारियों की संख्या की जरूरत संबंधी विवरण को प्रस्तुत करना होगा।
• विधमान नियोक्ता के संदर्भ में अधिनियम / नियम के अनुसार यदि प्रतिष्ठान में मानव बल की कमी हो तो न्यूनतम 75 प्रतिशत स्थानीय नियोजन के मानदंड को पूरा करने हेतु नियोजक द्वारा एक कार्य योजना प्राधिकृत पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। यह कार्य योजना इन नियमों के प्रारंभ की तिथि से 3 वर्षों की समय सीमा के साथ होगी।
उक्त अधिनियम की सुसंगत धारा से छूट का दावा करने के लिए नियोक्ता को निर्धारित रीति एवं प्रपत्र द्वारा यह प्रमाणित करना होगा कि नियोक्ता द्वारा वांछित कौशल ज्ञान एवं निपुणता के योग्य स्थानीय उम्मीदवार प्राप्त करने हेतु सभी तरह के उपाय कर लिए गए हैं एवं स्थानीय उम्मीदवारों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं है। इस हेतु अभिहित पदाधिकारी ( संबंधित जिले के उपायुक्त) की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक जांच समिति गठित होगी।
• अधिनियम / नियम के तहत रिक्तियों एवं नियोजन के बारे में त्रैमासिक प्रतिवेदन प्रत्येक नियोक्ता द्वारा प्रस्तुत की जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है।
• अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अधीन अभिहित पदाधिकारी या प्राधिकृत पदाधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश से असंतुष्ट कोई नियोक्ता निर्धारित रीति एवं प्रपत्र में 60 दिनों के अंदर अपीलीय प्राधिकार (निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण झारखंड सरकार ) के यहाँ अपील कर सकता हैं तथा अपीलीय प्राधिकार द्वारा अपीलकर्त्ता को सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद 60 दिनों के भीतर अपील का निपटारा किया जाएगा। ”
• इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय यदि नियोक्ता द्वारा इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंध या अधिनियम के अधीन लिखित में दिए गए किसी आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में (दंड) का भी प्रावधान किया गया है।
• अधिनियम/नियम के अनुपालन के अनुश्रवण के लिए प्रधान सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग झारखंड सरकार की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का भी प्रावधान है।
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*# Team PRD EastSinghbhum, Jamshedpur*