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तीन दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जुड़ेंगे देश विदेश के प्रमुख साहित्यकार तथा प्रतिभागी

सेन्हा भाटाचार्य
जमशेदपुर; आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष पर आगामी 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक कोल्हन विश्वविद्यालय चाईबासा द्वारा आयोजित तथा एवं महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित होने वाले समाज के सशक्तिकरण में अनुसूचित जाति जनजाति महिलाओं का योगदान तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन किया जा रहा है

इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए एबीएम कॉलेज की प्राचार्या मुद्रिता चंद्रा ने बताया कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में उपेक्षित नारी कर्म तथा उसके द्वारा प्रदत योगदान को महत्व को दान करना है विश्व की संपूर्ण जनसंख्या का लगभग आधी आबादी महिलाओं की है परिवार संचालन से लेकर समाज को व्यवस्थित सुगठित करने में जितना योगदान पुरुष का होता है उतना ही सौभाग्य था एवं परिश्रम महिलाओं की भी होती है लेकिन पुरुष सत्तात्मक समाज में महिलाओं तथा उनके शव को कमतर आंकने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है महिलाएं परिवार एवं राष्ट्र की दूरी है उसी से संस्कृति सभ्यता संपोषित संरक्षी तथा संचारित होती है हमारे पूर्व साहित्यकार मैथिली शरण गुप्ता ने नारी को नर से अधिक महत्व प्रदान करते हुए लिखा है
किसी भी राष्ट्र की सभ्यता संस्कृति उस राष्ट्र की महिलाओं की स्थिति पर आश्रित होती है यदि इस तरह की दशा और दिशा सही रहेगी तो राष्ट्र की गरिमा और सभ्यता संस्कृति उन्नत होगी वर्तमान में सुधीर बनाते हुए उन्नत भविष्य का निर्माण करने के लिए नारी को सशक्त करना आवश्यक है महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं फिर भी उसे और उसके महत्व को कम आता जाता है समाज के इन उपेक्षित में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित जाति और जनजाति महिलाएं हैं भारत में जनजातीय आबादी संख्यात्मक रूप से अल्पसंख्यक होने के बावजूद समूह की विशाल निवेदिता का व्रत करती है यह महिलाएं आज शाम को सशक्त करें समाज और राष्ट्र के उत्थान हेतु विभिन्न क्षेत्रों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है

अब समय गया है कि समाज के सशक्तिकरण में इन अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति महिलाओं के योगदान को उनके श्रम को विशेष महत्व की दृष्टि से देखा जाए राष्ट्रीय की आन बान शान के लिए अनुसूचित जाति जनजाति महिलाओं ने समय-समय पर अपने त्याग और समर्पण का परिचय दिया है साथी अपनी कर्मठता परिश्रम तथा दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ समाज तथा राष्ट्र को सशक्त बनाने का प्राण प्रण से जुड़ी रहे हैं
इन तीन दिवसीय ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय अंतर विषय सम्मेलन में विश्व के विभिन्न देशों अमेरिका मॉरीशस कनाडा तथा भारत के विभिन्न प्रमुख क्षेत्र गुजरात राजस्थान मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ सिक्किम अरुणाचल प्रदेश दिल्ली के साहित्यकार तथा सम्मिलित होंगे

उद्घाटन दिनांक 1 अक्टूबर 2021 को प्रातः 11:00 बजे से एवं समापन 3 अक्टूबर 2021 को प्रातः 11:00 बजे से होगा इसमें कोल्हन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रति कुलपति कुलसचिव प्रशासनिक अधिकारी एव शोधार्थी सम्मिलित होंगे

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