जवाहर नगर में वीर शहीद शेख़ भिखारी एवं शहीद टिकैत उरांव सिंह का मना शहादत दिवस
जमशेदपुर। दिनांक 8 जनवरी को जमशेदपुर जवाहर नगर में वीर शहीद शेख़ भिखारी एवं शहीद टिकैत उरांव सिंह की शहादत दिवस पर कोरोनावायरस गाइड लाइन को देखते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया
जिस की अध्यक्षता कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग झारखंड के क्रांतिकारी नेता अल्हाज रुहुल जमील अहमद ने किया अपने अध्यक्षता भाषण में कहा की पहले दोनों वीरों को खेराज ए अकीदत श्रंद्धाजलि अर्पित किया गया ,
बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 1857 के क्रान्ति में शेख़ भिखारी एवं शहीद टिकैत उरांव सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी शेख़ भिखारी का जन्म ओरमांझी के कुटिया गांव में 1819 हुआ था वहीं पड़ोसी गांव खटंगा में टिकैत उरांव सिंह का जन्म हुआ था शेख़ भिखारी एक जमींदार के यहां दिवान थे तब उनकी उम्र 20 वर्ष की थी और टिकैत खुद एक जमींदार थे दोनों वीरों ने 1857 के क्रांति में अंग्रेजों के दांत खट्टे किए हुए थे ! अंग्रेजों ने दोनों वीरों को धोका से घेर कर गिरफ्तार कर लिया और फांसी का फैसला सुनाया 8 जनवरी 1858 को झारखंड के रांची के चुपतो पहाड़ी पर बरगद के पेड़ पर लटका कर फांसी दे दी गई वह बरगद का पेड़ आज भी हमारे वीर शहीदों को याद करती है !
इस अवसर पर सरायकेला खरसावां जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष जमील अशरफ ने दोनों वीरों को याद करते हुए कहा झारखंड के क्रांतिकारी विचारों को हम भुल नहीं सकते हैं इस लिए उन्हें आज खेराज ए अकीदत श्रंद्धाजलि अर्पित करते हैं इस अवसर पर तसनीम नौशाद नगर उपाध्यक्ष सरायकेला खरसावां , इंतिखाब वासती ताजिम हैदर शेख़ निजाम शेख़ नदीम वाजीद परवेज रुहुल फवाज अहमद ने अपनी अपनी बातों को रखा और अंत में इंतिखाब वासती ने धन्यवाद ज्ञापन किया