गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन झारखंड पुनरूत्थान अभियान के दो सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने आज पश्चिमी सिंहभूम जिला के उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा भा. प्र. से.से मिलकर निजी कंपनी टाटा स्टील नोआमुंडी की ओर ध्यान आकृष्ट किया
चाईबासा।: गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन झारखंड पुनरूत्थान अभियान के दो सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने आज पश्चिमी सिंहभूम जिला के उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा भा. प्र. से.से मिलकर निजी कंपनी टाटा स्टील नोआमुंडी की ओर ध्यान आकृष्ट किया। अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने उप विकास आयुक्त को विगत वर्ष 23 मई 2023 को झारखण्ड पुनरूत्थान अभियान की ओर से टाटा स्टील नोआमुंडी के महाप्रबंधक को प्रेषित की गई छह सूत्री मांग पत्र की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि हमने कम्पनी से झारखंड सरकार द्वारा अधिनियमित 75 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगारों के नियुक्ति की अनुपालन पर जानकारी उपलब्ध कराने का निवेदन किया था। जिस मांग पत्र की प्रति तत्कालीन उप विकास आयुक्त,पश्चिमी सिंहभूम को भी प्रेषित किया गया था। पर टाटा स्टील नोआमुंडी ने झारखंड पुनरूत्थान अभियान के द्वारा लिखित मांग पत्र के आलोक में न कोई लिखित सूचना उपलब्ध कराया और न ही उप विकास आयुक्त के द्वारा कोई सूचना सार्वजनिक तौर पर प्रकाशित कराया गया। टाटा कंपनी की असहयोग रवैया को ध्यान में रखते हुए विगत 9 जनवरी 2024 को नोआमुंडी थाना के सामने से डीवीसी तक पदयात्रा कर फिर से टाटा कंपनी के महाप्रबंधक को छह सूत्री मांग पत्र देने की कोशिश किया गया। पर टाटा स्टील नोआमुंडी ने अनावश्यक तौर पर बैराकेटिंग लगा रखा था। जबकि अभियान की ओर से पहले ही शांतिपूर्ण तरीके से पदयात्रा करने के बाद प्रतिनिधिमंडल के द्वारा मांग पत्र देने के संबंध में एसडीओ जगन्नाथपुर नोआमुंडी थाना प्रभारी को लिखित सूचना प्रेषित किया गया था। झारखंड पुनरूत्थान अभियान के जिला संयोजक पूर्व बैंक कर्मी अमृत मांझी ने उप विकास आयुक्त से निवेदनपूर्वक मांग किया चूंकि जिला में 75 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगारों को नियुक्ति करने संबंधी अधिसूचना जारी करने के बाद उप विकास आयुक्त को क्रियान्वयन समिति का पदेन सचिव बनाया गया है। और महोदय आप भारतीय प्रशासनिक सेवा से नियुक्त युवा और संवेदनशील अधिकारी की भूमिका में हैं।इसलिए आपके पास टाटा स्टील नोआमुंडी की असहयोत्मक रवैया की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए फिर से लिखित रूप में आपको मांग पत्र सौंप रहे है। मांग पत्र में उल्लेख की गई बिंदु को ध्यान में रखते हुए उचित आवश्यक विभागीय कार्रवाई की जाय। और आवश्यक विभागीय कार्रवाई से झारखंड पुनरूत्थान अभियान को भी अवगत कराया जाय।