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कायस्थ समाज को आर्थिक आधार पर मिले आरक्षण : चौधरी जितेंद्र नाथ सिंह

जमशेदपुर । अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जितेन्द्र नाथ सिंह ने देश में जातिगत आरक्षण को खत्म कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की वकालत की।उन्होंने कहा कि जातिगत आरक्षण का मूल कारण वोट की राजनीति है, इसलिये यह व्यवस्था बंद होनी चाहिये.  इससे देश के विकास पर ‘ब्रेकÓ लग जाता है. वे आज सोनारी चित्रगुप्त भवन में दो दिनों तक चली राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के बाद आयोजन स्थल में ही पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए तथा संविधान निर्माण हुए 70 वर्ष से भी अधिक समय बीत चुके हैं, इसलिये इसे खत्म करते हुए इसकी समीक्षा होनी चाहिये. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि अभी हाल ही में उत्तरप्रदेश में मुस्लिम कायस्थों को ओबीसी श्रेणी में शामिल कर उन्हें लाभ देने की घोषणा की गई. कायस्थ स्वयं नौकरी या अन्य सुविधा पाने को सक्षम हैं. इसलिये उन्हें आरक्षण की जरुरत नहीं है. उन्होंने प्रत्येक राज्य में इस मांग को बुलंद करने की बात कही कि कायस्थ जाति को कोई भी सरकार ओबीसी श्रेणी में शामिल करने का प्रयास न करें. संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय महामंत्री अरुण श्रीवास्तव, राष्ट्रीय वरीय उपाध्यक्ष ओपी श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष एके श्रीवास्तव तथा प्रदेश महामंत्री अजय श्रीवास्तव भी मौजूद थे।

एके श्रीवास्तव के प्रयासों की सराहना
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सिंह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सफल आयोजन में प्रदेश अध्यक्ष एके श्रीवास्तव के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने श्री श्रीवास्तव को समाज की संपत्ति करार दिया. कहा कि इतने उम्र में भी उनका समाज के प्रति जो जज्बा दिखता है, वह सराहनीय है तथा समाज की नयी पीढ़ी को सीख लेने की जरुरत है.

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